
अनुकम्पा
अनुकम्पा क्षमा, दया का पर्याय है। यह बल और दयालुता से भरपूर दया है, ऐसी दया जो भूलों का परिमार्जन करती और क्षमा करती है,...
अनुकम्पा क्षमा, दया का पर्याय है। यह बल और दयालुता से भरपूर दया है, ऐसी दया जो भूलों का परिमार्जन करती और क्षमा करती है,...
मनुष्यों की जो अधिकतर कठिनाइयाँ होती हैं उनका कारण होता है, उनका अपनी क्रियाओं पर और दूसरों की क्रियाओं पर अपनी प्रतिक्रियाओं के नियंत्रण का...
हर एक पहले अपने लिए जिम्मेदार है; और अगर तुम औरों की सहायता करने की अभीप्सा रखते हो तो तुम जैसा होना चाहिये, उसका उदाहरण...
सभी परिस्थितियों में मुस्कुराना जानना भागवत प्रज्ञा की ओर जाने का सबसे शीघ्रगामी रास्ता है। अहंकार नाराज और बेचैन हो उठता है और यही अहंकार...
तुम्हें आंतरिक परिवर्तन के लिए निरंतर अभीप्सा करनी चाहिये, तुम्हारें अंदर यह इच्छा होनी चाहिये कि प्रकाश तुम्हारें अंधेरे भौतिक मन में आये, और तुम्हें...
उदार हृदय हमेशा पुराने दुर्व्यवहारों को भूल जाता है और दुबारा सामंजस्य लाने के लिए तैयार रहता है। आओ, हम सब उसको भूल जाएँ जो...
सच्चा ध्यान क्या है ? वह भागवत उपस्थिती पर संकल्प के साथ सक्रिय रूप से की गयी एकाग्रता है और उस परम सद्वस्तु का सतत,...
नीरवता ! नीरवता ! यह ऊर्जाएँ एकत्र करने का समय है, व्यर्थ और निरर्थक शब्दों में उन्हें इधर-उधर बिखेरने का नहीं। जो भी देश की...
झूठे गर्व से बच कर रहो – वह केवल विनाश की ओर ले जाता है । और भगवान के प्रेम को छोटा न समझो क्योंकि...
कल मैंने लिखा था कि एक गंभीर स्थिरता है – लेकिन आज केवल एक गंभीर विक्षोभ है ! एक ही समय में सत्ता का एक...