असंतुष्ट
मधुर माँ, अगर मैं अपने सारे जीवन और उसकी परिस्थितियों पर नज़र डालूँ तो मैं बहुत ख़ुश होता हूँ, लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूँ। बहुत...
मधुर माँ, अगर मैं अपने सारे जीवन और उसकी परिस्थितियों पर नज़र डालूँ तो मैं बहुत ख़ुश होता हूँ, लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूँ। बहुत...
अगर मैं अपने-आपको इस बाहरी जगत् से एकदम अलग कर सकूँ, अगर मैं बिलकुल अकेला रह सकूँ तो मैं इस अवसाद को पूरी तरह वश...
मेरे प्यारे बालक, जब कभी तुम्हें आध्यात्मिक सहायता की ज़रूरत हो मैं हमेशा तुम्हें वह सहायता देने को तैयार रहती हूँ चाहे वह किसी...
मधुर मां, हम यह कैसे जान सकते हैं कि हम व्यक्तिगत और सामुदायिक रूप में प्रगति कर रहे हैं या नहीं? हम प्रगति कर रहे...
मधुर माँ, अंतरात्मा की क्या भूमिका है ? अंतरात्मा के बिना तो हमारा अस्तित्व ही न होगा ! अंतरात्मा वह है जो कभी भी भगवान...
मधुर माँ, ज्ञान और बुद्धि क्या हैं ? क्या हमारे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है ? ज्ञान और बुद्धि यथार्थ रूप में मनुष्य में...
मधुर माँ, सचमुच “भगवान को पाने” का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है अपने अन्दर या आध्यात्मिक शिखरों पर भगवान के बारे में सचेतन होना...
मधुर माँ , जल्दी सोना और जल्दी उठना क्यों ज्यादा अच्छा है ? सूर्यास्त के समय एक तरह की शांति धरती पर उतरती है और...
भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो, कि तुम अपनी सच्ची सत्ता, अपनी चैत्य सत्ता के द्वारा...
मैं रो रहा हूँ। न जाने क्यों । मन करें तो रो लो। परंतु चिंता मत करो। वर्षा के बाद सूर्य ज़्यादा तेजी से चमकता...