
अन्तरात्मा की भूमिका
मधुर मां, अन्तरात्मा की क्या भूमिका है? अन्तरात्मा के बिना तो हमारा अस्तित्व ही न होगा! अन्तरात्मा वह है जो कभी भी भगवान् को...
मधुर मां, अन्तरात्मा की क्या भूमिका है? अन्तरात्मा के बिना तो हमारा अस्तित्व ही न होगा! अन्तरात्मा वह है जो कभी भी भगवान् को...
क्या चेतना के सुधार से आदमी की आर्थिक स्थिति सुस्थिर हो जाती है ? यदि ”चेतना के सुधार” का मतलब है बढ़ी हुई, विशालतर चेतना,...
मधुर माँ, हम अपनी सत्ता को एक कैसे कर सकते हैं? पहला चरण है, अपने अन्दर गहराई में कामनाओं और आवेशों के पीछे एक ज्योतिर्मयी...
एक पन्द्रह वर्ष की लड़की ने पूछा, “सत्य क्या है?” मैंने उत्तर दिया, “परम प्रभु की इच्छा।” यह चिन्तनात्मक ध्यान के लिए विषय है। संदर्भ...
मेरी प्यारी माँ, मेरा हृदय तुम्हारे चरणों की ओर दौड़ना चाहता है और अपने-आपको तुम्हारे अंदर खो देना चाहता है । मैं यही चाहता हूँ,...
एक पंद्रह वर्ष की लड़की ने पूछा, “सत्य क्या है ?” मैंने उत्तर दिया, “परम प्रभु की इच्छा ।” यह चिंतात्मक ध्यान के लिए विषय...
मधुर माँ, दो मानव सत्ताओं के बीच सबसे अच्छा संबंध कौन सा है ? माँ – बेटे का ? भाई, मित्र या प्रेमी का ?...
मधुर माँ, अंतरात्मा की क्या भूमिका है ? अंतरात्मा के बिना तो हमारा अस्तित्व ही न होगा ! अंतरात्मा वह है जो कभी भी भगवान...
मधुर माँ, हम प्रायः कोई नयी चीज़ करने से डरते हैं, शरीर नये तरीके से क्रिया करने से इंकार करता हैं, जैसे जिम्नास्टिक में कोई...
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया-कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें । इसका ठीक-ठीक अर्थ क्या है और...