श्रीमातृवाणी खण्ड १६

उपस्थिती का अनुभव

मेरी प्यारी माँ, काश ! मैं अपनी अज्ञानी सत्ता को यह विश्वास दिला पाता कि तुम्हें अपने हृदय के केंद्र…

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विश्वास रखो

माताजी,  मैं आपको स्पष्ट रूप से बता दूँ कि में कब खुश नहीं रहती; जब कोई मुझे खुशी से अपनी…

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भारत सबसे आगे का देश है

आध्यात्मिक दृष्टिकोण  से भारत जगत में सबसे आगे का देश है। आध्यात्मिक उदाहरण प्रस्तुत करना ही उसका मिशन है। श्रीअरविंद…

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अर्पण का रूप

प्यारी माँ, आपका प्रेम ही मेरे लिए सच्चा आश्रय और बल है। माँ, मैं आपको जो कुछ अर्पित करता हूँ…

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महाकाली का कार्य

(महाकाली के कार्य के बारें मे माताजी का वक्तव्य) समस्त विनाश के पीछे, चाहे वे प्रकृति के भूकंप, ज्वालामुखी, तूफान,…

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परमात्मा की इच्छा

मधुर माँ, स्त्र्षटा  ने इस जगत और मानवजाति की रचना क्यों की है? क्या वह हमसे कुछ आशा करता हैं?…

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एकाग्रता कैसे बढ़ाएँ

मधुर माँ,  हम मन की एकाग्रता और इच्छा-शक्त को कैसे बढ़ा सकते हैं ? कुछ भी करने के लिए वे…

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सहायता की आशा

माँ, मुझे लगता है कि मैं बहुत ही छिछोरा व्यक्ति हूँ। क्या आप मुझे बदलोगी नहीं ? मैं तुम्हें बदल…

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प्राण की अच्छी चीज़ें

मधुर माँ, क्या हमारा प्राण केवल कामनाओं, स्वार्थपूर्ण भावनाओं आदि से ही बना है उसमें कुछ अच्छी चीज़ें भी हैं?…

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सावधानी

मैं सदा अधिक सावधान रहने की कोशिश करता हूँ, लेकिन मेरे हाथ से चीज़ें ख़राब हो जाती हैं । हाँ,…

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