श्रीकृष्ण की भक्ति
तुम्हारे अंदर का यह संघर्ष (श्रीक़ृष्ण की भक्ति और माताजी के दिव्यत्व के बोध के बीच का संघर्ष) एकदम अनावश्यक है क्योंकि ये दोनों चीज़ें...
तुम्हारे अंदर का यह संघर्ष (श्रीक़ृष्ण की भक्ति और माताजी के दिव्यत्व के बोध के बीच का संघर्ष) एकदम अनावश्यक है क्योंकि ये दोनों चीज़ें...
यदि व्यक्ति श्रीकृष्ण को पाना चाहता है, तो वह उन्हें पा लेता है किन्तु वे ऐसे देव हैं जो बड़ी परीक्षा लेते हैं और तुरन्त...
श्रीकृष्ण में निवास करने पर शत्रुता भी प्रेम की ही एक क्रीडा तथा भाइयों का मल्ल्युद्ध बन जाती है । संदर्भ : विचारमाला और सूत्रावली...
कृष्ण वैश्व भगवान् और अन्तरस्थ भगवान् दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम उनसे अपनी सत्ता के अन्दर भी मिल सकते हैं और अभिव्यक्त जगत् में...
… श्रीकृष्ण के पास सीधा जाना सुरक्षित अथवा आसान नहीं है: यह कभी-कभी भीषण रूप से खतरनाक हो सकता है, यदि साधक में कुछ ऐसी...
न केवल सजीव प्राणियों में बल्कि निर्जीव वस्तुओं में भी हमें नारायण के दर्शन करने चाहिये, शिव का अनुभव करना चाहिये और शक्ति के आलिंगन...