श्रीअरविंद (खण्ड १२)

भागवत मुहूर्त

... भागवत मुहूर्त में धो डालो अपनी आत्मा की समस्त आत्म-प्रवञ्चना, पाखण्ड तथा दम्भभरी आत्म-चाटुकारिता को, ताकि तुम सीधे अपनी…

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योग का अर्थ

योग का अर्थ संयुक्त होना है तथा योग का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव आत्मा की सर्वोच्च सत्ता के साथ तथा मानवता…

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चेतना का परिवर्तन

चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई में जाना समस्त योग का…

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उच्च अभीप्सा

अपनी सभी गतिविधियों में संकल्प के पूर्ण समर्पण के माध्यम से भागवत उपस्थिती तथा शक्ति के साथ अपनी आत्मा का…

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भगवान की उपलब्धि

यह योग सत्ता के रूपांतरण का योग है, न कि मात्र आंतरिक सत्ता या भगवान की उपलब्धि का, यद्यपि इसके…

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कर्मयोग की उच्च अभीप्सा

अपनी सभी गतिविधियां में संकल्प के पूर्ण समर्पण के माध्यम से भागवत उपस्थिती तथा शक्ति के साथ अपनी आत्मा का…

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अतिमानव होने का अर्थ

अतिमानव होने का अर्थ है, दिव्य जीवन जीना, देव होना, क्योंकि देवगण भगवान् की शक्तियाँ हैं। वह मानवता के बीच…

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समग्र योग का अर्थ

समग्र योग इसलिए कहा गया है क्योंकि आध्यात्मिक सिद्धि तथा अनुभव की सामंजस्यपूर्ण संपूर्णता प्राप्त करना इसका लक्ष्य है। इसका…

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योग क्या है

जो 'सर्वोच्च है उसके साथ तुम्हारी सत्ता का सब प्रकार से एक हो जाना—यह योग है। जो अखिल है उसके…

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लक्ष्य

"मनुष्य जो कुछ पहले कर चुका है उसे ही हमेशा दुहराते जाना हमारा काम नहीं है, बल्कि हमें नवीन सिद्धियों…

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