
श्रीअरविंद का कार्य
मैं श्रीअरविंद से मिलने के लिए भारत आयी। मैं श्रीअरविंद के साथ रहने के लिए भारत में रही। जब उन्होंने अपना शरीर त्याग, तब भी...
मैं श्रीअरविंद से मिलने के लिए भारत आयी। मैं श्रीअरविंद के साथ रहने के लिए भारत में रही। जब उन्होंने अपना शरीर त्याग, तब भी...
१९१९ में श्रीअरविंद ने लिखा था कि अस्तव्यसत्ता और विपत्तियाँ शायद एक नयी सृष्टि की प्रसव-वेदना हैं। यह स्थिति कब तक चलती रहेगी? यह वेदना...
सम्भ्वन की शाश्वतता में प्रत्येक अवतार एक अधिक पूर्ण सिद्धि का उद्घोषक और अग्रदूत होता है। फिर भी लोगों में हमेशा यह वृत्ति रहती है...
श्रीअरविन्द सूक्ष्म भौतिक जगत् में हैं, अगर तुम यह जानते हो कि वहां कैसे जाया जाये, तो तुम उनसे नींद में मिल सकते हो ।...
श्रीअरविंद प्रभु के सनातन अवतार हैं, अगर हम उनकें साथ सतत संपर्क में रह सकें और आवश्यक कार्य कर सकें तो वे हमेशा हमारे साथ...
देश को कठिनाई से उबारने के लिए क्या करना चाहिये? श्रीअरविंद ने सभी मुश्किलों को पहले ही देख लिया था और उनका समाधान दे दिया...
१. बुद्ध और शंकर के मत: जगत् एक भ्रम है, वह अज्ञान के कारण, अज्ञान और दुःख का क्षेत्र है। करने लायक चीज़ बस यही...
…श्रीअरविंद के आशीर्वाद का आनन्द पाने के बाद, ज्यादा अच्छा यह है कि एकाग्र रहा जाये और औरों के साथ घुल-मिल कर बातें करते हुये...
जब तुम अपने हृदय और विचार में मेरे ओर श्रीअरविन्द के बीच कोई भेद न करोगे, जब अनिवार्य रूप से श्रीअरविन्द के बारे में सोचना...
श्रीअरविन्द सूक्ष्म-भौतिक में निरन्तर रहते हैं और वहां बहुत सक्रिय हैं। मैं प्रायः रोज उनसे मिलती हूं। कल रात मैंने उनके साथ कई घण्टे बिताये।...