साधना में प्रगति
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में प्रगति कर रहे हो . . . संदर्भ : गीता...
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में प्रगति कर रहे हो . . . संदर्भ : गीता...
हमारी पहली आवश्यकता श्रद्धा है; क्योंकि भगवान में, जगत में और सबसे महत्वपूर्ण यह कि भागवत परम सत्ता में श्रद्धा के बिना अभीप्सा या समर्पण...
श्रद्धा-विश्वास अनुभव पर नहीं निर्भर करता; वह तो एक ऐसी चीज है जो अनुभव के पहले से विद्यमान रहती है। जब कोई योग आरम्भ करता...
प्रगति धीमी हो सकती है, पतन बार-बार हो सकते हैं, परंतु यदि साहसपूर्ण संकल्प बनाये रखा जाये, तो यह निश्चित है कि हम एक दिन...
“श्रद्धा के साथ जो कोई भक्त मेरे जिस किसी रूप को पूजन चाहता है, मैं उसकी वही श्रद्धा उसमें अचल-अटल बना देता हूँ ।” वह...
यह कभी न भूलो कि तुम अकेले नहीं हो। भगवान तुम्हारे साथ हैं, तुम्हारी सहायता और मार्गदर्शन कर रहे हैं । ‘वे’ ऐसे साथी हैं...
श्रद्धा भरोसे से अधिक, कहीं अधिक पूर्ण है। देखो, तुम्हें भगवान पर भरोसा है, इस अर्थ में कि तुम्हें अधिक विश्वास है कि जो कुछ...
तुम्हारी श्रद्धा की तीव्रता का यह अर्थ हो सकता है कि भगवान ने यह पहले से ही निधारित कर रखा है कि तुम्हारी श्रद्धा जिसका...
कभी मत बुड़बुड़ाओं। जब तुम बुड़बुड़ाते हो तो तुम्हारें अंदर सब तरह की शक्तियाँ घुस जाती हैं और तुम्हें नीचे खींच लेती हैं। मुस्कुराते रहो।...
मेरे बच्चे, सहन करो ! और पूरी श्रद्धा रखते हुए परम प्रभु के हृदय में बस एक नवजात शिशु की तरह दुबके रहो। अंतत:, एक...