
एक निर्दोष आवश्यकता
जो बुद्धि के उच्चतर स्तरों पर पहुंच चुके है, लेकिन जिन्होंने मानसिक क्षमताओं पर अधिकार नहीं पाया है उनमें एक निर्दोष आवश्यकता यह होती है...
जो बुद्धि के उच्चतर स्तरों पर पहुंच चुके है, लेकिन जिन्होंने मानसिक क्षमताओं पर अधिकार नहीं पाया है उनमें एक निर्दोष आवश्यकता यह होती है...
यदि तुम्हारी अंतरात्मा सर्वदा रूपांतर के लिए अभीप्सा करती है तो बस उसी का अनुसरण तुम्हें करना होगा । भगवान को खोजना या यों कहें...
सच्ची बुद्धि पाने के लिए अपने मन से बाहर निकलो । सच्ची अनुभूति पाने के लिए संवेदनों से बाहर निकलो । सच्ची क्रियाशीलता पाने...
भगवान के प्रति सच्चे और निष्कपट निवेदन में ही हम अपने अति-मानवीय दुखों से छुटकारा पा सकते हैं । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
अगर मन चंचल हों तो योग की नींव डालना संभव नही। सबसे पहले यह आवश्यक है कि मन अचंचल हो । और व्यक्तिगत चेतना का...
’भागवत कृपा’ कार्य करने के लिए हमेशा मौजूद है लेकिन तुम्हें उसे कार्य करने देना चाहिये, उसकी क्रिया का प्रतिरोध नहीं करना चाहिये। एकमात्र आवश्यक...
मनुष्य जो कुछ थोड़ा-बहुत जानता है, उसे जीवन में उतारना ही अधिक जानने का सबसे उत्तम तरीका है, यह पथ पर आगे बढ़ने के सबसे...
जीवन में एकमात्र सुरक्षा, अपनी पुरानी भूलों की परिणामों से बचने का एकमात्र रास्ता आंतरिक विकास है, जो भागवत उपस्थिति के साथ सचेतन एकत्व स्थापित...
स्वांग मत करो, बनो । वचन मत दो, करो । सपने मत देखो, चरितार्थ करो । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
यह रहा एक उपाय उन लोगों के लिए जो मिथ्यात्व से पिंड छुड़ाने के लिए उत्सुक हैं। अपने-आपको खुश करने की कोशिश न करो, औरों...