
परमात्मा हास्यप्रिय है
श्रीअरविंद ने कितनी ही बार इस बात को दोहराया है कि परमात्मा हास्यप्रिय हैं और हम ही उन्हें प्रशांत और सर्वदा गम्भीर रहने वाला बना...
श्रीअरविंद ने कितनी ही बार इस बात को दोहराया है कि परमात्मा हास्यप्रिय हैं और हम ही उन्हें प्रशांत और सर्वदा गम्भीर रहने वाला बना...
किसी वर्षाप्रधान देश के एक बड़े शहर में एक दिन तीसरे पहर मैंने सात-आठ गाड़ियां बच्चों से भरी देखीं। वे लोग सवेरे ही गांवों की...