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विचार और सूत्र के प्रसंग में

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सत्य का सबसे बुरा शत्रु
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सत्य का सबसे बुरा शत्रु

by श्री माँ 1 महीना ago1 महीना ago
अनिवार्य गुण
280

अनिवार्य गुण

by श्री माँ 4 महीना ago4 महीना ago
  • 530
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ का सुंदर चित्रा
    श्री माँ के वचन

    पूर्ण समता

    जिन घटनाओं की हम प्रतीक्षा नहीं करते, जिनकी हम आशा या इच्छा नहीं करते, जो हमारी इच्छाओं के विरुद्ध होती है उन्हें ही हम अज्ञानवश...

    श्री माँ
    by श्री माँ 5 महीना ago5 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    मरकर दोबारा जन्म

    यदि व्यक्ति यह अनुभव करे कि उसका इस जीवन का कार्य समाप्त हो गया है और अब भेंट देने के लिए उसके पास और कुछ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 महीना ago7 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भागवत कृपा में विश्वास

    जीवन की सभी परिस्थितियों की व्यवस्था हमें यह सिखाने के लिए की गयी है कि मन से परे, भागवत कृपा में विश्वास ही हमें सभी...

    श्री माँ
    by श्री माँ 10 महीना ago10 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    सच्चा प्रेम

    ‘सच्चा प्रेम’ जो तृष्टि और आलोकित करता है, वह नहीं है जिसे तुम पाते हो, बल्कि वह है जो तुम देते हो। और ‘परम प्रेम...

    श्री माँ
    by श्री माँ 12 महीना ago12 महीना ago
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    श्री माँ के वचन

    देवत्‍व का लक्षण

    श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व का लक्षण है, वह उसे भी प्यार करता है जो...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    वृद्धावस्था और मृत्यु

    यदि व्यक्ति यह अनुभव करे कि उसका इस जीवन का कार्य समाप्त हो गया है और अब भेंट देने के लिए उसके पास और कुछ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    दूसरों की बातों में टाँग नहीं अड़ाना

    … हस्तक्षेप न करना सदा ही अधिक बुद्धिमानी की बात है-लोग बिना किसी तुक या कारण के हस्तक्षेप करते हैं, केवल इसलिए कि दूसरों को...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago2 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    प्रार्थना क्यों ?

    … बहुत कठोर युक्ति-तर्कवाले लोग तुमसे कहते हैं : “तुम प्रार्थना क्यों करते हो? तुम अभीप्सा क्यों करते हो? तुम मांगते क्यों हो? भगवान् जो...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ की पेंटिंग
    श्री माँ के वचन

    जीवन का कार्य

    यदि व्यक्ति यह अनुभव करें कि उसका इस जीवन का कार्य समाप्त हो गया है और अब भेंट देने के लिए उसके पास और कुछ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    दूसरें लोग आईना है

    जब कोई बात दूसरे व्यक्ति के अन्दर तुम्हें एकदम अवांछनीय या हास्यास्पद प्रतीत हो — जब तुम सोचो : ”यह कैसी बात है! वह तो...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago

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    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

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    भगवान की आशा

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    जीवन का उद्देश्य

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    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

    कृतज्ञता

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    अनुशासन

    अनुशासन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

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    तुम्हारा चुनाव

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    खिन्नता

    खिन्नता

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    मेरी इच्छा

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    ज्ञान

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    मानसिक रूपायण

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    नयी चीज़ का डर

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    युवकों को आह्वान

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    प्रत्येक का अपना तरीका

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