योग समन्वय

ऐक्य के त्रिविध स्वरूप

..... ऐक्य के तीन स्वरूप हैं। एक ऐक्य तादात्म्य के द्वारा आध्यात्मिक सत्त्व में होता है; एक अन्य प्रकार का…

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हमारी वास्तविक सत्ता तथा इसके यन्त्र

मनुष्य अपनी वास्तविक प्रकृति में... एक आत्मा है जो मन, प्राण तथा शरीर का उपयोग व्यक्तिगत तथा सामुदायिक अनुभव के…

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एक प्रमुख विचार

... हमें एक प्रमुख विचार पर, हमारी सत्ता के स्वामी, हमारे तथा जगत् में व्याप्त ईश्वर, सर्वोच्च आत्मन्, विश्वव्यापी आत्मा…

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वैश्व प्राण की दिव्य परिणति

शारीरिक भावना के साथ बंधे हुए मानसिक और प्राणिक अहं की रचना ही वैश्व प्राण का, अपने क्रमिक विकास में,…

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योग का कार्य

सभी धर्म इस धारणा से आरम्भ होते हैं कि हमारे सीमित और मरणशील व्यक्तित्वों से महत्तर और उच्चतर कोई शक्ति…

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अतिमानसिक विज्ञान

जब मानसिकता पीछे छूट जाती है तथा निष्क्रिय नीरवता में दूर चली जाती है, केवल तभी अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण…

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दर्शन दिवस संदेश -१५ अगस्त २०१७ (श्रीअरविंद का जन्मदिवस)

जीवन की भांति योग में भी वही मनुष्य जो प्रत्येक पराजय एवं मोहभंग के सामने तथा समस्त प्रतिरोधपूर्ण, विरोधी ओर निषेधकारी…

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