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माताजी के विषय में

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श्रीमाँ का कार्य
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श्रीमाँ का कार्य

by श्री माँ 2 दिन ago2 दिन ago
ग्रहणशीलता
490

ग्रहणशीलता

by श्री माँ 1 महीना ago1 महीना ago
  • 920
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    आत्मदान

    भगवान के लिए सच्चा प्रेम है आत्मदान, यानी अपने-आपको पूर्ण रूप से दे देना । इस दान में कोई मांग न हो, यह पूरी तरह...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 980
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    समुचित मनोभाव

    सब कुछ माताजी पर छोड़ देना, पूर्ण रूप से उन्ही पर भरोसा रखना और उन्हें लक्ष्य की ओर ले जाने वाले पथ पर अपने को...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    पूर्ण योग कोई नहीं कर सकता

    यह कहा जा सकता है कि मैं पूर्णयोग कर रहा हूँ ? प्रत्येक व्यक्ति जो श्रीमाँ की ओर मुड़ा है,  हमारा योग कर रहा है...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ और चम्पकलाल
    श्रीअरविंद के वचन

    कैसे खुला जाये ?

    भगवती माँ की और कैसे खुला जाये ? शांत मन में श्रद्धा और समर्पण द्वारा । संदर्भ : माताजी के विषय में 

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 420
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    चैत्य पुरुष

    यदि चैत्य पुरुष प्रकट हो तो वह तुमसे अपने प्रति नहीं, बल्कि माताजी के प्रति आत्मसमर्पण करने को कहेगा। संदर्भ : माताजी के विषय में 

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 460
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    भोजन अर्पण करने का तात्पर्य

    ‘मातृवाणी’ में आये हुए इस वाक्य से माताजी का क्या मतलब है : “जब तुम खाते हो तब तुम्हें यह अवश्य अनुभव करना चाहिये कि...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    माताजी की शक्ति

    माताजी की शक्ति शरीर में पूर्ण रूप से कार्य करे इसके लिये यह आवश्यक है कि केवल मन में ही नहीं स्वयं शरीर में भी...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ दर्शन देते हुये
    श्रीअरविंद के वचन

    आश्रम में रहना पर्याप्त नहीं

    नहीं, आश्रम में रहना पर्याप्त नहीं है – व्यक्ति को श्रीमाँ के प्रति उद्घाटित होना होगा और उस कीचड को अपने ऊपर से साफ करना...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 270
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    विजय का आश्वासन

    इस विषय में निस्संदिग्ध रहो कि तुम्हें इस पथ पर ले जाने के लिये माताजी सदा तुम्हारें साथ रहेगी। कठिनाइयाँ आती हैं और चली जाती...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 330
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    माताजी का स्पर्श

    प्रणाम के समय माताजी की ओर से एक स्पर्श सदा ही आ रहा होता है, उसे ग्रहण करने के लिये व्यक्ति को सचेतन और उन्मीलित...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 1 वर्ष ago1 वर्ष ago

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3 conditions of yoga auroville bases of yoga Mirra Alfassa Priti Das Gupta Sri Aurobindo Ashram sri aurobindo The Mother The Mother of Sri Aurobindo Ashram Pondicherry The Mother on Sports अध्यात्मिकता आंरोंविल आश्वासन कृपा निद्रा और स्वप्न पूर्ण योग प्रीति दास गुप्ता भागवत उपस्थिती भारत के लिये संदेश माताजी की झाकियां माताजी के वचन भाग-१ माताजी के वचन भाग-२ माताजी के वचन भाग - ३ माताजी के विषय में मातृवाणी योग योग समन्वय यौवन वयवहारिक ज्ञान साधकों के लिये विचार और सूत्र के प्रसंग में विश्वास व्यावहारिक ज्ञान साधकों के लिये शिक्षा के ऊपर श्रद्धा श्री अरविंद श्रीअरविंद श्रीअरविंद के वचन श्री अरविद श्री माँ श्री माँ अपने बारे में श्री माँ के बारें में श्री माँ के बारे में श्री माँ के संस्मरण श्री माँ शरीर के बारें में साधना साधना के संकेत श्री माँ द्वारा
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    भगवती माँ की कृपा

    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

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    जीवन का उद्देश्य

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    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

    मनोबल

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    तुम्हारा चुनाव

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    मानसिक रूपायण

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    नयी चीज़ का डर

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    युवकों को आह्वान

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    प्रत्येक का अपना तरीका

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