माताजी के विषय में

श्रीमाँ के बालक

तुम माँ के बच्चे हो और माँ का अपने बच्चों के प्रति प्रेम असीम होता है, और वे उनके स्वभाव…

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हमारी उपस्थिति का अनुभव

माताजी को स्मरण करो और, यद्यपि शरीर से तुम उनसे बहुत दूर हो, उनको अपने साथ अनुभव करने का प्रयास…

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श्रीमाँ का साक्षात्कार

क्या श्रीमां के अन्तर्दर्शन को अथवा स्वप्न या जागृत अवस्था में उन्हें देखने को साक्षात्कार कहा जा सकता है? वह…

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किसका भय ?

तुम्हारी निष्ठा और समर्पण सत्यमय और संपूर्ण होने चाहियें। जब तुम अपना अर्पण करते हो तो अपने को दे डालो…

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श्रीमाँ की शक्ति

प्रायः ही श्रीअरविंद कहते हैं कि व्यक्ति को श्रीमाँ की शक्ति को शासन करने देना चाहिये । क्या इसका यह…

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श्रीमां का स्पर्श

जब तुम अपने-आपको देते हो तो पूरी तरह दो, बिना किसी मांग के, बिना किसी शर्त के और बिना किसी…

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माताजी की सतत उपस्थिति

​माताजी की सतत उपस्थिति अभ्यास के द्वारा आती हे; साधना में सफलता पाने के लिये भागवत कृपा अत्यंत आवश्यक है, पर अभ्यास…

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श्रीमाँ की ज्योति

कुछ लोगो को श्रीमाँ के चारों और ज्योति आदि के दर्शन होते हैं पर मुझे नहीं होते । मेरे अंदर…

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संसार में चलने के लिए

. . . संसार का  जीवन अपने स्वभाव में अशांति का क्षेत्र है - उचित तरीके से उस पर चलने…

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कठिनाई से निपटने का तरीका

किसी कठिनाई के कारण बेचैन या निरुत्साहित मत होओ बल्कि चुपचाप और सरल भाव से अपने को माताजी की शक्ति…

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