माताजी के विषय में

श्रीमाँ के विषय में

यहाँ पर कुछ लोग आपको माताजी से महानतर क्यों मानते हैं ? क्या आप दोनों समान स्तर से नहीं हैं…

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माताजी का स्मरण

प्रश्न-जब साधक में न तो अभीप्सा ही उठती हो, न कोई अनुभूति ही होती हो, तब उसे साधना जारी रखने…

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उन्नति नहीं करने का कारण

तुमने सर्वदा ही अपने मन और संकल्पशक्ति की क्रिया पर अत्यधिक भरोसा रखा है-इसी कारण तुम उन्नति नहीं कर पाते।…

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माताजी की शक्ति

माताजी की शक्ति केवल ऊपर , सत्ता के शिखर पर ही नहीं है, वह तुम्हारें साथ और तुम्हारे पास भी…

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श्रीकृष्ण की भक्ति

तुम्हारे अंदर का यह संघर्ष (श्रीक़ृष्ण की भक्ति और माताजी के दिव्यत्व के बोध के बीच का संघर्ष) एकदम अनावश्यक…

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कोई मंत्र नहीं

तुम्हारे मित्र का यह विचार कि  यहाँ से मंत्र मिलना आवश्यक है और उसके लिए उसका यहाँ आना अनिवार्य है,पूरी…

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मिथ्यात्व का नोटिस

अब अपनी प्राण-सत्ता के द्वार पर यह नोटिस लगा दो : 'अब यहाँ किसी मिथ्यात्व का आना माना है।' और…

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माँ की वाणी सुनने की तैयारी

यह कब कहा जा सकता है कि व्यक्ति आन्तरिक रूप से माँ की वाणी सुनने को तैयार है ? जब…

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एक नियम

एक नियम मैं तुम्हारे लिए निश्चित कर सकता हूँ, ऐसा कोई काम मत करो, ऐसी कोई बात मत कहो या…

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महत्वपूर्ण सिद्धान्त

न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियों में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…

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