
पूर्णता और कर्म
अगर लोगों को पूर्ण होने की वजह से काम को बंद कर देना पड़े तो हर व्यक्ति को पूरी तरह काम बंद कर देना पड़ेगा...
अगर लोगों को पूर्ण होने की वजह से काम को बंद कर देना पड़े तो हर व्यक्ति को पूरी तरह काम बंद कर देना पड़ेगा...
जो दोषहीन है वह दूसरों की राय की परवाह नहीं करता । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
तुम औरों की मनोभावनाओं और सनको का अपने ऊपर असर नहीं पड़ने देते – यह बात बिलकुल ठीक है। तुम्हें इस सबसे ऊपर उठकर भगवान...
यह न मानो कि काम बदलने से तुम्हारा चरित्र भी बदल जायेगा । यह पहले भी कभी सफल नहीं हुआ है । संदर्भ : माताजी...
यदि मन सभी परिस्थितियों और सभी हालतों में शान्त रहे तो धैर्य आसानी से बढ़ेगा। संदर्भ : श्रीमाँ के वचन (भाग-२)
इन भौतिक क्रियाओं को इतना अधिक महत्व क्यों दिया जाये ? ज्यादा अच्छा यह है कि उनसे बिलकुल मुक्त अनुभव करो और उनके बारे में...
अपनी सहायता करने का सबसे अच्छा उपाय है, औरों की सहायता करना। अगर तुम सच्चे हो तो शीघ्र ही यह जान लोगे कि उनकी सभी...
एक सामान्य नियम के रूप में ज्यादा अच्छा यह है कि जो चीजें तुम्हारे काम से सम्बन्धित नहीं हैं उनमें हस्तक्षेप न करो । संदर्भ...
शूरता है सभी परिस्थितियों में परम सत्य के लिए डटे रह सकना, विरोध में भी उसकी घोषणा करना और जब कभी आवश्यकता हो तो उसके...
शारीरिक कठिनाइयां हमेशा समता सिखाने के पाठ के रूप में आती हैं और यह प्रकट करती हैं कि हमारे अन्दर इतने पर्याप्त रूप में क्या...