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माताजी के वचन भाग-२

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यथार्थ साधन
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यथार्थ साधन

by श्री माँ 3 दिन ago4 दिन ago
कौन योग्य, कौन अयोग्य
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कौन योग्य, कौन अयोग्य

by श्री माँ 4 दिन ago5 दिन ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    आन्तरिक शांति

    “साधना” करते समय बाह्य चीजों का बहुत महत्व नहीं होना चाहिये। आवश्यक आन्तरिक शांति हर तरह की परिस्थिति में स्थापित हो सकती है । संदर्भ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ दर्शन देते हुये
    श्री माँ के वचन

    धीरज रखना

    किसी एक चीज़ को बनाने के लिये किसी और चीज़ को तोड़ देना कोई अच्छी नीति नहीं हैं। जो निवेदित हैं और भगवान के लिये...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    प्राण

    प्राण है हमारी शक्ति, ऊर्जा , उत्साह तथा प्रभावशाली गति का आसन , लेकिन उसे व्यवस्थित प्रशिक्षण की जरूरत होती है । संदर्भ : माताजी...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    समझने की क्षमता

    मन की नीरवता का अभ्यास करो। इससे समझने की क्षमता आती है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ टेनिस खेलते हुये
    श्री माँ के वचन

    कामना

    जब तुम्हारें अंदर कोई कामना हो तो तुम अपनी वांछित वस्तु द्वारा शासित होते हो, वह तुम्हारें मन और जीवन पर कब्जा कर लेती है...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    अस्थायी और स्थायी

    वह सब जो मानव संबन्धो पर आश्रित है, अस्थायी है और आता-जाता रहता है, वह मिला-जुला और असन्तोषजनक होता है। केवल वही जो भगवान पर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    दिव्य लीला

    सारा काम खेल होना चाहिए, लेकिन वह हो दिव्य लीला, जिसे स्वयं भगवान के साथ और भगवान के लिये खेला जाता है । संदर्भ :...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    आराम करना

    जिस क्षण तुम संतुष्ट हो जाओ और अभीप्सा करना छोड़ दो, उसी क्षण से तुम मरना शुरू कर देते हो। जीवन गति है, जीवन प्रयास...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भावना

    अगर तुम सचमुच भगवान से प्रेम करते हो तो इसे चुपचाप और शांत रहकर प्रमाणित करो। हर के जीवन में जो कुछ आता हैवह भगवान...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    परिश्रम और ऊर्जा

    यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में तुम्हें उसकी जरूरत नहीं होती और तुम उसके योग्य भी...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago

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3 conditions of yoga auroville bases of yoga Mirra Alfassa Priti Das Gupta Sri Aurobindo Ashram sri aurobindo The Mother The Mother of Sri Aurobindo Ashram Pondicherry The Mother on Sports अध्यात्मिकता आंरोंविल आश्वासन कृपा निद्रा और स्वप्न पूर्ण योग प्रीति दास गुप्ता भागवत उपस्थिती भारत के लिये संदेश माताजी की झाकियां माताजी के वचन भाग-१ माताजी के वचन भाग-२ माताजी के वचन भाग - ३ माताजी के विषय में मातृवाणी योग योग समन्वय यौवन वयवहारिक ज्ञान साधकों के लिये विचार और सूत्र के प्रसंग में विश्वास व्यावहारिक ज्ञान साधकों के लिये शिक्षा के ऊपर श्रद्धा श्री अरविंद श्रीअरविंद श्रीअरविंद के वचन श्री अरविद श्री माँ श्री माँ अपने बारे में श्री माँ के बारें में श्री माँ के बारे में श्री माँ के संस्मरण श्री माँ शरीर के बारें में साधना साधना के संकेत श्री माँ द्वारा
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    भगवान के दो रूप

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    भगवान की बातें

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    शांति के साथ

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    यथार्थ साधन

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    कौन योग्य, कौन अयोग्य

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    सच्चा आराम

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    डरना नहीं

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    परिश्रम

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    चिंता न करो

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    जीवन का खालीपन

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    जगत से जाना ?

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ का चित्र
    ज्योतिषियों की बात

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    ध्यान में बैठने का तरीका

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  • दर्शन संदेश १५ अगस्त २०१८ (२/४)
    भगवान् के कार्य को समझना

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  • श्रीअरविंद और श्रीमाँ के दर्शन
    अच्छा यंत्र पर बुरा मालिक

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    तेरे ज्ञान की अभीप्सा

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    पुजारियों के प्रति वृत्ति

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