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माताजी के वचन भाग-२

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भागवत मुस्कान का ध्यान
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भागवत मुस्कान का ध्यान

by श्री माँ 1 सप्ताह ago1 सप्ताह ago
दूसरों पर नियंत्रण
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दूसरों पर नियंत्रण

by श्री माँ 3 सप्ताह ago3 सप्ताह ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भावना

    अगर तुम सचमुच भगवान से प्रेम करते हो तो इसे चुपचाप और शांत रहकर प्रमाणित करो। हर के जीवन में जो कुछ आता हैवह भगवान...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    परिश्रम और ऊर्जा

    यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में तुम्हें उसकी जरूरत नहीं होती और तुम उसके योग्य भी...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    दासता

    बुरी चीज़ है दासता, चाहे वह परहेज की दासता हो या आवश्यकताओं की। हमारे पास जो कुछ आये उसे हम ले लें, लेकिन हमेशा इसके...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    प्रेम और स्नेह की प्यास

    प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है जब वह भगवान की ओर अभिमुख हो । जब तक...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    कुछ भी मुश्किल नहीं

    उनके लिये कुछ भी मुश्किल नहीं है जो भगवान को सच्चाई के साथ पुकारते हैं । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    क्रोध

    क्रोध में कभी कोई समझदारी की बात नहीं की जाती, सिर्फ मूर्खता ही निकलती है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    प्रशंसा

    जब तुम अपने-आपको किसी नि:स्वार्थ कार्य की परिपूर्णता के लिये सौंप देते हो तो कभी सामान्य लोगों से प्रशंसा या सहायता की आशा न करो।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    बीमारी में अस्वस्थ रुचि

    अगर तुम बीमार पड़ते हो तो तुम्हारी बीमारी की इतनी व्याकुलता और भय से देख-रेख की जाती है, तुम्हारी इतनी परिचर्या की जाती है कि...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भूलों को ठीक करने का एकमात्र उपाय

    भूतकाल के बारे में सोचते रहना बिलकुल गलत है । सच्ची विधि तो यह याद रखना है कि भगवान की इच्छा के बिना कुछ नहीं...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    निश्चित मार्ग

    एक ऐसी सच्चाई जो समझौता नहीं करतीं, आध्यात्मिक उपलपब्धि का सबसे निश्चित मार्ग है । ढोंग न करो, हो जाओ । वचन मत दो, क्रिया...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago

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    भगवती माँ की कृपा

    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

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    भगवान की आशा

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    जीवन का उद्देश्य

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

    अनुशासन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भागवत मुस्कान का ध्यान

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    मनोबल

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    तुम्हारा चुनाव

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    खिन्नता

    खिन्नता

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    मेरी इच्छा

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    ज्ञान

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    मानसिक रूपायण

    मानसिक रूपायण

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    नयी चीज़ का डर

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    युवकों को आह्वान

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