मुस्कुराते रहो
कभी मत बुड़बुड़ाओं। जब तुम बुड़बुड़ाते हो तो तुम्हारें अंदर सब तरह की शक्तियाँ घुस जाती हैं और तुम्हें नीचे खींच लेती हैं। मुस्कुराते रहो।...
कभी मत बुड़बुड़ाओं। जब तुम बुड़बुड़ाते हो तो तुम्हारें अंदर सब तरह की शक्तियाँ घुस जाती हैं और तुम्हें नीचे खींच लेती हैं। मुस्कुराते रहो।...
मैंने तुम्हारी प्रार्थना को ‘परम प्रभु’ के सामने रख दिया है । लेकिन अगर तुम ‘आनन्द’ में रहना चाहते हो तो तुम्हें अपनी इच्छा को...
सभी अग्नि-परीक्षाओं के लिए कृतज्ञ होओ क्योंकि वे भगवान की ओर ले जाने वाले छोटे-से-छोटे रास्ते हैं। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग – २)
जो भगवान का है उसे भला किसका डर हो सकता है ? क्या वह भगवान के बताये मार्ग पर – चाहे वह उसकी सीमित तर्क-बुद्धि...
‘सत्य’ मिथ्यात्व से बढ़ कर बलवान है। एक अमर ‘शक्ति’ जगत पर शासन करती है। उसके निश्चय हमेशा सफल होते हैं। उसके साथ हो जाओ...
कुछ लोग है जो अपने पैरों पे खड़े रह सकते हैं। वे कोई चीज़ इसलिए करते हैं क्योंकि वे मानते हैं कि उसे करना अच्छा...
भौतिक सुख सुविधा, तथाकथित आवश्यकताओं और आरामों के बारे में – चाहे वे जिस तरह के क्यों न हों – लालच साधना की सबसे गंभीर...
प्रेम केवल एक ही है – ‘भागवत प्रेम’ ; और उस ‘प्रेम’ के बिना कोई सृष्टि न होती। सब कुछ उसी ‘प्रेम’ के कारण विद्यमान...
तुम जितना पाते हो उससे संतुष्ट रहने की कोशिश करो-क्योंकि यह ग्रहणशीलता का मामला है-लोग जितना ग्रहण कर सकते हैं ,मैं उससे कहीं अधिक देती...
सच्ची नम्रता यह जानने में है कि केवल परम चेतना, परम इच्छा का ही अस्तित्व है और “मैं” का अस्तित्व नहीं है । संदर्भ :...