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माताजी के वचन भाग-२

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भागवत मुस्कान का ध्यान
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भागवत मुस्कान का ध्यान

by श्री माँ 1 सप्ताह ago1 सप्ताह ago
दूसरों पर नियंत्रण
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दूसरों पर नियंत्रण

by श्री माँ 3 सप्ताह ago3 सप्ताह ago
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    श्रीमाँ नन्ही मुस्कान के साथ
    श्री माँ के वचन

    संतुष्ट रहो

    तुम जितना पाते हो उससे संतुष्ट रहने की कोशिश करो-क्योंकि यह ग्रहणशीलता का मामला है-लोग जितना ग्रहण कर सकते हैं ,मैं उससे कहीं अधिक देती...

    श्री माँ
    by श्री माँ 9 महीना ago9 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    सच्ची नम्रता

    सच्ची नम्रता यह जानने में है कि केवल परम चेतना, परम इच्छा का ही अस्तित्व है और “मैं” का अस्तित्व नहीं है । संदर्भ :...

    श्री माँ
    by श्री माँ 9 महीना ago9 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    स्थिरता का तात्पर्य

    स्थिरता और तमस में घपला मत करो। स्थिरता है, आत्म-संयत शक्ति, अचंचल और सचेतन ऊर्जा, आवेशों पर प्रभुत्व और अचेतन प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण । कार्य...

    श्री माँ
    by श्री माँ 9 महीना ago9 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ और वसुधा
    श्री माँ के वचन

    अचंचलता और प्रकाश का अनुभव

    तुम जिस अचंचलता और प्रकाश के अवतरण का अनुभव कर रहे हो वह इस बात का चिन्ह है कि तुम्हारे अन्दर साधना सचमुच शुरू हो...

    श्री माँ
    by श्री माँ 9 महीना ago9 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ के चरण
    श्री माँ के वचन

    अहंकार और अन्तरात्मा

    अहंकार उसके बारे में सोचता है जो उसके पास नहीं है और जिसे वह चाहता है। यही उसका निरन्तर  मुख्य काम है । अन्तरात्मा जानती...

    श्री माँ
    by श्री माँ 10 महीना ago10 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    आध्यात्मिक आघात

    आघात और परीक्षाएँ हमेशा भागवत कृपा के रूप में हमें अपनी सत्ता में वे बिन्दु दिखाने आती हैं जहां हमारे अंदर कमी है और जिन...

    श्री माँ
    by श्री माँ 10 महीना ago10 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भगवान का उत्तर

    जब तुम ध्यान में बैठो तो तुम्हें बालक की तरह निष्कपट और सरल होना चाहिये। तुम्हारा बाह्य मन बाधा न दे, तुम किसी चीज़ की...

    श्री माँ
    by श्री माँ 10 महीना ago10 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ का चित्र
    श्री माँ के वचन

    गुफा की साधना

    मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह प्रकट हो जाता है ।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 11 महीना ago11 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    सत्य

    सत्य लकीर की तरह नहीं सर्वांगीण है, वह उत्तरोत्तर नहीं बल्कि समकालिक है। अतः उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता : उसे जीना...

    श्री माँ
    by श्री माँ 11 महीना ago11 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    हृदय

    भगवान हमेशा तुम्हारें हृदय में आसीन होते हैं , सचेतन रूप से जीवित रहते है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)

    श्री माँ
    by श्री माँ 11 महीना ago11 महीना ago

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    भगवती माँ की कृपा

    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

    श्रीमाँ का कार्य

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    भगवान की आशा

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    जीवन का उद्देश्य

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    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

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    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

    मनोबल

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    तुम्हारा चुनाव

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    खिन्नता

    खिन्नता

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    मेरी इच्छा

    मेरी इच्छा

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    ज्ञान

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    मानसिक रूपायण

    मानसिक रूपायण

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    नयी चीज़ का डर

    नयी चीज़ का डर

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    युवकों को आह्वान

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    प्रत्येक का अपना तरीका

    प्रत्येक का अपना तरीका

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