गपबाजी
हर दुर्भावनापूर्ण शब्द, हर मिथ्यापवाद चेतना की अधोगति है। और जब यह मिथ्यापवाद भद्दी भाषा और गंवारू शब्दों में प्रकट किया जाता है तो यह आत्मघात...
हर दुर्भावनापूर्ण शब्द, हर मिथ्यापवाद चेतना की अधोगति है। और जब यह मिथ्यापवाद भद्दी भाषा और गंवारू शब्दों में प्रकट किया जाता है तो यह आत्मघात...
भौतिक चेतना के साथ सम्बंध रखने वाली किसी भी चीज़ के लिए लोभ, तथाकथित आवश्यकताओं और किसी भी प्रकार के आराम के लिए लोभ –...
आध्यात्मिक भाव धार्मिक पूजाभाव, भक्ति और उत्सर्ग का विरोधी नहीं है। धर्म में ग़लती यह है कि मन एक ही सिद्धांत को ऐकान्तिक रूप से...
काम में कठिनाइयाँ परिस्थितियों या बाहर की छोटी-मोटी घटनाओं से नहीं आती । वे आंतरिक वृत्ति की (विशेषकर प्राणिक वृत्ति की) किसी चीज़ से आती...
यदि मन सभी परिस्थितियों और सभी हालातों में शांत रहें तो धैर्य अधिक आसानी से बढ़ेगा। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
एक परम चेतना है जो अभिव्यक्ति पर शासन करती हैं। निश्चय ही उसकी बुद्धि हमारी बुद्धि से बहुत महान है। इसलिए हमें यह चिंता नहीं...
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो – यह तुम्हें रूपांतर के मार्ग पर दूर तक ले जायेगा। संदर्भ : माताजी के...
तुम जो कुछ भी करो वह उपयोगी हो उठता है यदि तुम उसमें सत्य चेतना की एक चिंगारी रख दो। तुम जो कार्य करते हो...
हमारा भूतकाल चाहे जो भी रहा हो, हमने चाहे जो भी भूलें की हों, हम चाहे जितने अज्ञान में क्यों न रह चुके हों, हम...
लोग अपनी नियति के बारे में रोते-धोते रहते हैं और अनुभव करते हैं कि अगर अन्य लोग और चीजें बदल जायें तो उनकी कठिनाइयां और...