
भूतकाल का रूपांतरण
हमारा भूतकाल चाहे जो भी रहा हो, हमने चाहे जो भी भूलें की हों, हम चाहे जितने अज्ञान में क्यों न रह चुके हों, हम...
हमारा भूतकाल चाहे जो भी रहा हो, हमने चाहे जो भी भूलें की हों, हम चाहे जितने अज्ञान में क्यों न रह चुके हों, हम...
लोग अपनी नियति के बारे में रोते-धोते रहते हैं और अनुभव करते हैं कि अगर अन्य लोग और चीजें बदल जायें तो उनकी कठिनाइयां और...
किसी भी वस्तु को, कहीं भी, अपने सत्ता के सत्य को अस्वीकार न करने दो : यही निष्कपटता है । संदर्भ : माताजी के वचन...
परम प्रभु के लिये पाप का अस्तित्व ही नहीं है – सभी दोष सच्ची अभिप्सा और रूपांतर द्वारा मिटाए जा सकते हैं। तुम जिस चीज़...
हमेशा अहंकार अवसाद में डूब जाता है । उसकी परवाह न करो। चुपके से अपना काम करते चलो तो अवसाद ग़ायब हो जायेगा । संदर्भ...
जब कोई भूल हो तो उसका हमेशा प्रगति करने के लिए उपयोग करना चाहिये, एक बार आवश्यक परिवर्तन हो जाये तो भूल और उसके कारण...
जिसने एक बार अपने-आपको भगवान् के अर्पण कर दिया उसके लिए इसके सिवा कोई और कर्तव्य नहीं रहता कि वह अपने समर्पण को अधिकाधिक पूर्ण...
तुम जिन भौतिक चीजों का उपयोग करते हो उनको ठीक से सम्भाल कर न रखना निश्चेतना और अज्ञान का चिह्न है । अगर तुम भौतिक चीज...
तुम्हारा अवलोकन बहुत कच्चा है। ”अन्दर से” आने वाले सुझावों और आवाजों के लिए कोई नियम नहीं बनाया जा सकता । तुम्हारे ”अन्दर” का मतलब...
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है जब वह भगवान की ओर अभिमुख हो। जब तक वह...