मेरे अनुभव के अनुसार तो जब लोग एकान्तवास करते हैं तो तमस् में जा गिरते हैं । संदर्भ : माताजी…
हमारे युग में सफलता और उससे मिलने वाली भौतिक तुष्टि का ही मूल्य है। फिर भी असन्तुष्ट लोगों की हमेशा…
आध्यात्मिक भाव पूजा, भक्ति और निवेदन के धार्मिक भाव के विपरीत नहीं है, धर्म में जो गलत है वह मन…
हमेशा ऊँचे उड़े चलो, दूर-दूर चलते चलो, बिना हिचके चलो। आज की आशाएँ कल की सिद्धियाँ होगी। संदर्भ : माताजी…
वर्तमान बढ़ते हुए संघर्ष में हमारी वृत्ति कैसी होनी चाहिये? ‘भागवत कृपा’ में श्रद्धा और पूर्ण विश्वास । सन्दर्भ :…
यह मानना भ्रान्ति या अन्धविश्वास है कि कोई बाहरी चीज या परिस्थिति किसी भी चीज का कारण हो सकती है।…
थके बिना काम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि चाहे जो भी काम हो उसे भगवान् के अर्पण…
सच्चाई का अर्थ है, अपनी सत्ता की सभी गतिविधियों को उस उच्चतम चेतना तथा उच्चतम सिद्धि तक उठाना जिन्हें पहले…
भगवान के लिये सच्चा प्रेम है, बिना कुछ माँगे अपने-आपको दे देना। वह प्रेम समर्पण और उत्सर्ग से भरा होता…