माताजी के वचन भाग-२

भगवान् से प्रेम

अगर सचमुच तुम भगवान् से प्रेम करते हो तो इसे अचंचल और शान्त रहकर प्रमाणित करो । हर एक के…

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अनुभूति और तार्किक मन

अनुभूति तार्किक मन से बहुत आगे तक जाती है । स्पष्ट है कि तार्किक मन को भगवान् तक पहुंचाना बहुत…

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भौतिक चीजों का खयाल

   माताजी, मैं अपनी चीजें बार-बार क्यों खोता रहता हूं ?   क्योंकि तुम चीजों को काफी हद तक अपनी…

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थकान का कारण

तुम जो करते हो उसे बिना रुचि के करने से थकान आती है । तुम जो कुछ करो उसमें रुचि…

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बिना थके काम करना

थके बिना काम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि (चाहे जो भी काम हो) उसे भगवान् के अर्पण…

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पाप का अस्तित्व ही नहीं

'परम प्रभु' के लिए पाप का अस्तित्व ही नहीं है - सभी त्रुटियां और दोष सच्ची अभीप्सा और रूपान्तर द्वारा…

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समय की परवाह नहीं

तुम्हें जो चीज जाननी चाहिए वह है, ठीक तरह से यह जानना कि तुम जीवन में क्या करना चाहते हो|…

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गुरु का मानव रूप

अगर तुम्हारे अन्दर श्रद्धा और विश्वास है, तो तुम गुरु के मानव रूप की पूजा नहीं करते बल्कि उन परम…

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भौतिक मन का कार्य  

भौतिक मन का एक प्रमुख कार्य है सन्देह करना। अगर तुम उस पर कान दो तो वह सन्देह के हजारों…

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परम शान्ति

भगवान् के बाहर सब कुछ मिथ्या, भ्रान्ति और दुःखपूर्ण अंधकार है। भगवान् में हैं जीवन, प्रकाश और आनन्द । भगवान्…

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