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श्रीअरविंद और श्रीमाँ का संसार

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  2. माताजी के वचन भाग-१

माताजी के वचन भाग-१

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श्रीमाँ के संदेश
1170

श्रीमाँ के संदेश

by श्री माँ 1 महीना ago1 महीना ago
सामंजस्य
490

सामंजस्य

by श्री माँ 2 महीना ago2 महीना ago
  • 720
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    प्रथम अतिमानसिक अवतरण

    (आश्रम के क्रीड़ांगण में २९ फरवरी १९५६ को बुधवार के सार्वजनिक ध्यान के समय) आज की सांझ तुम लोगों के बीच भगवान् की ठोस और...

    श्री माँ
    by श्री माँ 5 वर्ष ago5 वर्ष ago
  • 310
    श्री माँ के वचन

    अनुशासन की अनिवार्यता

    सामुदायिक जीवन में अनिवार्य रूप से अनुशासन होना चाहिये ताकि मजबूत कमजोर के साथ दुर्व्यवहार न कर सके; और जो भी उस समुदाय में रहना...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
  • 1960
    अखंड भारत का नक्शा श्रीअरविंद आश्रम
    श्री माँ के वचन

    भारत के विषय में

    भारत को जगत् का आध्यात्मिक नेता होना ही चाहिये । अन्दर तो उसमें क्षमता है, परन्तु बाहर… अभी तो सचमुच जगत् का आध्यात्मिक नेता बनने...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
  • 250
    अखंड भारत का नक्शा श्रीअरविंद आश्रम
    श्री माँ के वचन

    देशभक्ति की भावना तथा योग

    देशभक्ति की भावनाएँ हमारे योग की विरोधी बिलकुल नहीं हैं, बल्कि अपनी मातृभूमि की शक्ति तथा अखंडता के लिए संकल्प करना एकदम न्यायसंगत भावना है।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
  • 170
    श्रीअरविंद का चित्र
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद का कार्य

    मनुष्य बीते कल की सृष्टि है । श्रीअरविंद आगामी कल की सृष्टि – अतिमानसिक सत्ता के आने – की घोषणा करने आये थे । संदर्भ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 वर्ष ago7 वर्ष ago
  • 430
    तुम्हारे प्रति जो हमारे प्रभु के भौतिक आवरण रहे हो, तुम्हारे प्रति हमारा असीम आभार है । तुमने हमारे लिए इतना कुछ किया, हमारे लिए कर्म किया, संघर्ष किये, कष्ट झेले, आशा की, इतना सहन किया, तुमने हम सबके लिए संकल्प किये, प्रयत्न किये, तैयार किया, हमारे लिए सब कुछ प्राप्त किया, तुम्हारे आगे हम नतमस्तक हैं और यह प्रार्थना करते हैं कि हम एक क्षण के लिए भी कभी तुम्हारे ऋण को न भूलें ।-श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद का शरीर

    जब मैंने उनसे (८ दिसम्बर १९५०) को अपने शरीर को पुनर्जीवित करने के लिए कहा, तो उन्होने स्पष्ट उत्तर दिया : “मैंने जान-बूझकर यह शरीर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 वर्ष ago7 वर्ष ago
  • 440
    श्रीअरविंद की उपस्थिती
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद की उपस्थिती

    श्रीअरविंद निरंतर हमारे साथ हैं और जो लोग उन्हें देखने और सुनने के लिए तैयार हैं उनके आगे अपने – आपको प्रकट करते हैं ।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 वर्ष ago7 वर्ष ago
  • 170
    है प्रभो, आज प्रातः तूने मुझे यह आभासन दिया हैं कि जब तक तेरा कार्य संपन्न नहीं हो जाता, तब तक तू हमारे साथ रहेगा, केवल एक चेतना के रूप में ही नहीं जो पथप्रदर्शन करती और प्रदीप्त करती हैं बल्कि कार्यरत एक गतिशील ' उपस्थिति' के रूप में भी । तूने अचूक शब्दों में वचन दिया हैं कि तेरा सर्वांश यहां विध्यमान रहेगा और पार्थिव वातावरण को तब तक न छोड़ेगा जब तक पृथ्वी का रूपान्तर नहीं हो जायेगा । वर दे कि हम इस अद्भुत 'उपस्थिति' के योग्य बन सकें, अब सें हमारे अन्दर की प्रत्येक वस्तु तेरे उदात्त कार्य को पूर्ण करने हेतु अधिकाधिक परिपूर्णता से समर्पित होने के एकमात्र संकल्प पर एकाग्र हो । -श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद का शरीर त्याग

    श्रीअरविंद ने अपना शरीर परम निस्वार्थता की क्रिया में त्यागा है। उन्होने अपने शरीर की उपलब्धियों को इसलिए त्यागा कि सामूहिक उपलब्धि का मुहूर्त आ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 वर्ष ago7 वर्ष ago
  • 190
    श्रीअरविंद का अंतिम दर्शन
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद की महासमाधि – श्रीमाँ (२)

    शोक करना श्रीअरविंद का अपमान है, वे हमारे साथ सचेतन और जीवित रूप में विध्यमान है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)

    श्री माँ
    by श्री माँ 8 वर्ष ago8 वर्ष ago
  • 180
    श्रीअरविंद की महासमाधि के विषय में
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद की महासमाधि – श्रीमाँ

    हे प्रभों, आज प्रात: तूने मुझे यह आश्वासन दिया है कि जब तक तेरा कार्य सम्पन्न नहीं हो जाता, तब तक तू हमारे साथ रहेगा,...

    श्री माँ
    by श्री माँ 8 वर्ष ago8 वर्ष ago

श्रेणियां

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  • श्रीअरविंद का चित्र
    भगवान के दो रूप

    भगवान के दो रूप

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भगवान की बातें

    भगवान की बातें

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    शांति के साथ

    शांति के साथ

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    यथार्थ साधन

    यथार्थ साधन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    कौन योग्य, कौन अयोग्य

    कौन योग्य, कौन अयोग्य

  • श्रीअरविंद का चित्र
    सच्चा आराम

    सच्चा आराम

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    डरना नहीं

    डरना नहीं

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    परिश्रम

    परिश्रम

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    चिंता न करो

    चिंता न करो

  • श्रीमाँ के वचन जीवन के लक्ष्य के विषय में
    जीवन का खालीपन

    जीवन का खालीपन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    जगत से जाना ?

    जगत से जाना ?

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ का चित्र
    ज्योतिषियों की बात

    ज्योतिषियों की बात

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    ध्यान में बैठने का तरीका

    ध्यान में बैठने का तरीका

  • दर्शन संदेश १५ अगस्त २०१८ (२/४)
    भगवान् के कार्य को समझना

    भगवान् के कार्य को समझना

  • श्रीअरविंद और श्रीमाँ के दर्शन
    अच्छा यंत्र पर बुरा मालिक

    अच्छा यंत्र पर बुरा मालिक

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    यौवन

    यौवन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    तेरे ज्ञान की अभीप्सा

    तेरे ज्ञान की अभीप्सा

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    पुजारियों के प्रति वृत्ति

    पुजारियों के प्रति वृत्ति

© 2025 श्रीअरविंद और श्रीमाँ के चरणों में In Search of The Mother

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