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श्रीअरविंद और श्रीमाँ का संसार

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  2. माताजी के वचन भाग-१

माताजी के वचन भाग-१

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प्रगति का मापदण्ड
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प्रगति का मापदण्ड

by श्री माँ 4 सप्ताह ago4 सप्ताह ago
देशभक्ति की भावना तथा योग
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देशभक्ति की भावना तथा योग

by श्री माँ 2 महीना ago2 महीना ago
  • 310
    श्री माँ के वचन

    अनुशासन की अनिवार्यता

    सामुदायिक जीवन में अनिवार्य रूप से अनुशासन होना चाहिये ताकि मजबूत कमजोर के साथ दुर्व्यवहार न कर सके; और जो भी उस समुदाय में रहना...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
  • 1960
    अखंड भारत का नक्शा श्रीअरविंद आश्रम
    श्री माँ के वचन

    भारत के विषय में

    भारत को जगत् का आध्यात्मिक नेता होना ही चाहिये । अन्दर तो उसमें क्षमता है, परन्तु बाहर… अभी तो सचमुच जगत् का आध्यात्मिक नेता बनने...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
  • 250
    अखंड भारत का नक्शा श्रीअरविंद आश्रम
    श्री माँ के वचन

    देशभक्ति की भावना तथा योग

    देशभक्ति की भावनाएँ हमारे योग की विरोधी बिलकुल नहीं हैं, बल्कि अपनी मातृभूमि की शक्ति तथा अखंडता के लिए संकल्प करना एकदम न्यायसंगत भावना है।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
  • 170
    श्रीअरविंद का चित्र
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद का कार्य

    मनुष्य बीते कल की सृष्टि है । श्रीअरविंद आगामी कल की सृष्टि – अतिमानसिक सत्ता के आने – की घोषणा करने आये थे । संदर्भ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago
  • 430
    तुम्हारे प्रति जो हमारे प्रभु के भौतिक आवरण रहे हो, तुम्हारे प्रति हमारा असीम आभार है । तुमने हमारे लिए इतना कुछ किया, हमारे लिए कर्म किया, संघर्ष किये, कष्ट झेले, आशा की, इतना सहन किया, तुमने हम सबके लिए संकल्प किये, प्रयत्न किये, तैयार किया, हमारे लिए सब कुछ प्राप्त किया, तुम्हारे आगे हम नतमस्तक हैं और यह प्रार्थना करते हैं कि हम एक क्षण के लिए भी कभी तुम्हारे ऋण को न भूलें ।-श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद का शरीर

    जब मैंने उनसे (८ दिसम्बर १९५०) को अपने शरीर को पुनर्जीवित करने के लिए कहा, तो उन्होने स्पष्ट उत्तर दिया : “मैंने जान-बूझकर यह शरीर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 वर्ष ago7 वर्ष ago
  • 440
    श्रीअरविंद की उपस्थिती
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद की उपस्थिती

    श्रीअरविंद निरंतर हमारे साथ हैं और जो लोग उन्हें देखने और सुनने के लिए तैयार हैं उनके आगे अपने – आपको प्रकट करते हैं ।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 वर्ष ago7 वर्ष ago
  • 170
    है प्रभो, आज प्रातः तूने मुझे यह आभासन दिया हैं कि जब तक तेरा कार्य संपन्न नहीं हो जाता, तब तक तू हमारे साथ रहेगा, केवल एक चेतना के रूप में ही नहीं जो पथप्रदर्शन करती और प्रदीप्त करती हैं बल्कि कार्यरत एक गतिशील ' उपस्थिति' के रूप में भी । तूने अचूक शब्दों में वचन दिया हैं कि तेरा सर्वांश यहां विध्यमान रहेगा और पार्थिव वातावरण को तब तक न छोड़ेगा जब तक पृथ्वी का रूपान्तर नहीं हो जायेगा । वर दे कि हम इस अद्भुत 'उपस्थिति' के योग्य बन सकें, अब सें हमारे अन्दर की प्रत्येक वस्तु तेरे उदात्त कार्य को पूर्ण करने हेतु अधिकाधिक परिपूर्णता से समर्पित होने के एकमात्र संकल्प पर एकाग्र हो । -श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद का शरीर त्याग

    श्रीअरविंद ने अपना शरीर परम निस्वार्थता की क्रिया में त्यागा है। उन्होने अपने शरीर की उपलब्धियों को इसलिए त्यागा कि सामूहिक उपलब्धि का मुहूर्त आ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 7 वर्ष ago7 वर्ष ago
  • 190
    श्रीअरविंद का अंतिम दर्शन
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद की महासमाधि – श्रीमाँ (२)

    शोक करना श्रीअरविंद का अपमान है, वे हमारे साथ सचेतन और जीवित रूप में विध्यमान है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)

    श्री माँ
    by श्री माँ 8 वर्ष ago8 वर्ष ago
  • 180
    श्रीअरविंद की महासमाधि के विषय में
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद की महासमाधि – श्रीमाँ

    हे प्रभों, आज प्रात: तूने मुझे यह आश्वासन दिया है कि जब तक तेरा कार्य सम्पन्न नहीं हो जाता, तब तक तू हमारे साथ रहेगा,...

    श्री माँ
    by श्री माँ 8 वर्ष ago8 वर्ष ago

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    योग

    योग

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भगवती माँ की कृपा

    भगवती माँ की कृपा

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीमाँ का कार्य

    श्रीमाँ का कार्य

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भगवान की आशा

    भगवान की आशा

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    जीवन का उद्देश्य

    जीवन का उद्देश्य

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

  • श्रीअरविंद के पत्र
    आलोचना की आदत

    आलोचना की आदत

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    कृतज्ञता

    कृतज्ञता

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    अनुशासन

    अनुशासन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भागवत मुस्कान का ध्यान

    भागवत मुस्कान का ध्यान

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    मनोबल

    मनोबल

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    तुम्हारा चुनाव

    तुम्हारा चुनाव

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    खिन्नता

    खिन्नता

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    मेरी इच्छा

    मेरी इच्छा

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    ज्ञान

    ज्ञान

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    मानसिक रूपायण

    मानसिक रूपायण

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    नयी चीज़ का डर

    नयी चीज़ का डर

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    युवकों को आह्वान

    युवकों को आह्वान

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