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माताजी के वचन भाग-१

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श्रीमाँ के संदेश
1170

श्रीमाँ के संदेश

by श्री माँ 1 महीना ago1 महीना ago
सामंजस्य
490

सामंजस्य

by श्री माँ 2 महीना ago2 महीना ago
  • 340
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    एकाग्रता का मूल

    मैं तुम सबमें द्वार खोलने के लिए पूरा ध्यान देती हूँ, ताकि अगर तुम्हारें अंदर एकाग्रता की जरा भी गति हो, तो तुम्हें ऐसे बंद...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 200
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    चैत्य को जानना

    चैत्य को जानने के लिये तुम्हें अपने प्राण की कामनाओं को जीत लेना और मन को नीरव कर देना चाहिये और फिर भगवान के प्रति...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 140
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    ग्रहनशीलता

    ग्रहणशील होने का अर्थ है, देने की प्रबल इच्छा का होना और तुम्हारें पास जो कुछ है, तुम जो कुछ हो और जो कुछ करते...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 550
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    अहंकार पर विजय पाओ

    (एक शिष्य को श्रीमां का पत्र) मानव जीवन में सभी कठिनाइयों, सभी विसंगतियों, सभी नैतिक कष्टों का कारण है हर एक के अन्दर अहंकार की...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 560
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    नियंत्रण का महत्व

    नियंत्रण के बिना कोई समुचित काम संभव नहीं है । नियंत्रण के बिना समुचित जीवन संभव नहीं है । और सबसे बढ़कर, नियंत्रण के बिना...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 1930
    श्री माँ के वचन

    श्री अरविन्द और श्री माँ के बीच भेद

    ​जब तुम अपने हृदय और विचार में मेरे ओर श्रीअरविन्द के बीच कोई भेद न करोगे, जब अनिवार्य रूप से श्रीअरविन्द के बारे में सोचना...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 570
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    सामंजस्य

    विभिन्न मूल्य रखने वाले लोग एक साथ, सामंजस्य में कैसे रह सकते और काम कर सकते है ? इसका समाधान यह है कि अपने अंदर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 330
    महर्षि श्रीअरविंद घोष
    श्री माँ के वचन

    श्रीअरविंद का कार्य

    श्रीअरविंद परम पुरुष के यहाँ से धरती पर एक नयी जाति और एक नए जगत – ‘अतिमानसिक ‘-की घोषणा करने आये  है। आओ, हम पूरी...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 650
    श्री अरविंद आश्रम की श्री माँ बालकनी दर्शन देते हुये
    श्री माँ के वचन

    मैं और मेरा पंथ

    ​मैं किसी राष्ट्र की, किसी सभ्यता की, किसी समाज की, किसी जाति की नहीं हूं, मैं भगवान् की हूं । मैं किसी स्वामी, किसी शासक,...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 400
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    कम बोलो

    जितना कम हो सके उतना कम बोलो। जितना अधिक हो सके उतना अधिक काम करो । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago

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  • श्रीअरविंद का चित्र
    भगवान के दो रूप

    भगवान के दो रूप

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भगवान की बातें

    भगवान की बातें

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    शांति के साथ

    शांति के साथ

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    यथार्थ साधन

    यथार्थ साधन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    कौन योग्य, कौन अयोग्य

    कौन योग्य, कौन अयोग्य

  • श्रीअरविंद का चित्र
    सच्चा आराम

    सच्चा आराम

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    डरना नहीं

    डरना नहीं

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    परिश्रम

    परिश्रम

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    चिंता न करो

    चिंता न करो

  • श्रीमाँ के वचन जीवन के लक्ष्य के विषय में
    जीवन का खालीपन

    जीवन का खालीपन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    जगत से जाना ?

    जगत से जाना ?

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ का चित्र
    ज्योतिषियों की बात

    ज्योतिषियों की बात

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    ध्यान में बैठने का तरीका

    ध्यान में बैठने का तरीका

  • दर्शन संदेश १५ अगस्त २०१८ (२/४)
    भगवान् के कार्य को समझना

    भगवान् के कार्य को समझना

  • श्रीअरविंद और श्रीमाँ के दर्शन
    अच्छा यंत्र पर बुरा मालिक

    अच्छा यंत्र पर बुरा मालिक

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    यौवन

    यौवन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    तेरे ज्ञान की अभीप्सा

    तेरे ज्ञान की अभीप्सा

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    पुजारियों के प्रति वृत्ति

    पुजारियों के प्रति वृत्ति

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