
श्री माँ की उपस्थिती
श्रीमाँ की उपस्थिती हमेशा उपस्थित रहती है; लेकिन अगर तुम अपने ही भरोसे क्रिया करना चाहो-चीजों पर अपने ही विचार, अपनी ही धारणाएँ, अपनी ही...
श्रीमाँ की उपस्थिती हमेशा उपस्थित रहती है; लेकिन अगर तुम अपने ही भरोसे क्रिया करना चाहो-चीजों पर अपने ही विचार, अपनी ही धारणाएँ, अपनी ही...
प्र) मैं अपने चारों तरफ बादल ही बादल देख रहा हूँ जो मुझ तक आपके प्रकाश को आने नहीं दे रहें । आपकी उपस्थिती का...
हमेशा ऐसे जियो मानों तुम ‘परम प्रभु’ तथा ‘भगवती माँ’ की दृष्टि के सामने हो। ऐसी कोई क्रिया न करो, ऐसी कोई चीज सोचने या...