
भागवत कृपा
. . . यदि किसी में बिलकुल ही कोई ज्ञान न हो पर भागवत कृपा पर भरोसा हो, यदि उसमें यह श्रद्धा हो कि इस...
. . . यदि किसी में बिलकुल ही कोई ज्ञान न हो पर भागवत कृपा पर भरोसा हो, यदि उसमें यह श्रद्धा हो कि इस...
हर एक पहले अपने लिए जिम्मेदार है; और अगर तुम औरों की सहायता करने की अभीप्सा रखते हो तो तुम जैसा होना चाहिये, उसका उदाहरण...
जीवन की सभी परिस्थितियों की व्यवस्था हमें यह सिखाने के लिए की गयी है कि मन से परे, भागवत कृपा में विश्वास ही हमें सभी...
भागवत कृपा मौजूद है – अपने द्वार खोलो और उसका स्वागत करो। मेरे प्रेम और आशीर्वाद सहित । संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
… यदि किसी में बिलकुल ही कोई ज्ञान न हो पर भागवत कृपा पर भरोसा हो, यदि उसमें यह श्रद्धा हो कि इस जगत में...
हमारा लक्ष्य न तो राजनीतिक है, न सामाजिक, वह आध्यात्मिक लक्ष्य है। हम जो चाहते हैं वह वैयक्तिक चेतना का रूपान्तर है, शासन या सरकार...
विश्व की अंतिम सीमा तक … बल्कि उसके भी परे तक अपना विस्तार करो। प्रगति की समस्त आवश्यकताओं को हमेशा अपने ऊपर ले लो और...
हर एक पहले अपने लिए जिम्मेदार है ; और अगर तुम औरों की सहायता करने की अभीप्सा रखते हो तो तुम जैसा होना चाहिये, उसका...
भागवत कृपा हमेशा रहती है, शाश्वत रूप से उपस्थित और सक्रिय; लेकिन श्रीअरविंद कहते हैं कि हमारे लिए उसे ग्रहण करने, बनाये रखने और वह...
ठीक उस समय जब हर चीज़ बद-से-बदतर होती हुई मालूम होती है, उसी समय हमें श्रद्धा का परम कर्म करना चाहिये और यह जानना चाहिये...