भगवान का उत्तर
जब तुम ध्यान में बैठो तो तुम्हें बालक की तरह निष्कपट और सरल होना चाहिये। तुम्हारा बाह्य मन बाधा न दे, तुम किसी चीज़ की...
जब तुम ध्यान में बैठो तो तुम्हें बालक की तरह निष्कपट और सरल होना चाहिये। तुम्हारा बाह्य मन बाधा न दे, तुम किसी चीज़ की...
सबसे पहले हमें अपनी इच्छा को श्रीमाँ की इच्छा के साथ युक्त कर देना चाहिए और यह समझना चाहिए कि यह केवल यंत्र है और...
जब तुझे आदेश प्राप्त हो जाये तब तू बस उसे पूरा करने की ही फिक्र कर। बाकी चीज़ तो है बस भगवान की इच्छा और...
भागवत संकल्प को जानने के लिये यह जरुरी है कि मन शान्त हो। शान्त मन में ही – जो भगवान की और मुड़ा हो –...
तुम क्या चाहते हो इसे तुम्हें अलग रख देना होगा, और यह जानने की इच्छा करनी होगी कि भगवान क्या चाहते हैं; तुम्हारा हृदय, तुम्हारी...
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया-कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें । इसका ठीक-ठीक अर्थ क्या है और...