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प्रेम

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अनिवार्य गुण
280

अनिवार्य गुण

by श्री माँ 4 महीना ago4 महीना ago
प्रेम और स्नेह की प्यास
790

प्रेम और स्नेह की प्यास

by श्री माँ 5 महीना ago5 महीना ago
  • 400
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    अर्पण का रूप

    प्यारी माँ, आपका प्रेम ही मेरे लिए सच्चा आश्रय और बल है। माँ, मैं आपको जो कुछ अर्पित करता हूँ वह एक गंदला मिश्रण है...

    श्री माँ
    by श्री माँ 5 महीना ago5 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भागवत प्रेम

    प्रेम केवल एक ही है – ‘भागवत प्रेम’ ; और उस ‘प्रेम’ के बिना कोई सृष्टि न होती। सब कुछ उसी ‘प्रेम’ के कारण विद्यमान...

    श्री माँ
    by श्री माँ 9 महीना ago9 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    एकमात्र चीज़

    एकमात्र चीज़ जो महत्वपूर्ण हैं, एकमात्र चीज़ जिसका मूल्य है, वह है ‘तेरे’ साथ आधिकाधिक पूरी तरह से तदात्म होने की इच्छा, हमारी चेतना को...

    श्री माँ
    by श्री माँ 11 महीना ago11 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    अकेलापन

    तुम अकेलापन इसलिए लगता है क्योंकि तुम प्रेम पाने की आवश्यकता का अनुभव करते हो । बिना मांग किये, केवल प्रेम के आनंद के लिए...

    श्री माँ
    by श्री माँ 12 महीना ago12 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    सच्चा प्रेम

    ‘सच्चा प्रेम’ जो तृष्टि और आलोकित करता है, वह नहीं है जिसे तुम पाते हो, बल्कि वह है जो तुम देते हो। और ‘परम प्रेम...

    श्री माँ
    by श्री माँ 12 महीना ago12 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    आत्मदान

    भगवान के लिए सच्चा प्रेम है आत्मदान, यानी अपने-आपको पूर्ण रूप से दे देना । इस दान में कोई मांग न हो, यह पूरी तरह...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्री माँ के वचन

    देवत्‍व का लक्षण

    श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व का लक्षण है, वह उसे भी प्यार करता है जो...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    महत्वपूर्ण चीज़

    हर बार जब कोई व्यक्ति उस संकीर्ण सीमा को तोड़ता है जिसमें उसके अहं ने उसे बंद कर रखा है, जैसे ही वह आत्म-दान के...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 180
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    प्रेम

    प्रेम सबके साथ है, प्रत्येक की प्रगति के लिये समान रूप से कार्य कर रहा है-लेकिन विजय उन्ही में पाता है जो उसकी परवाह करते...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    तेरी नयी अभिव्यक्ति

    … मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते हुए मैं वहाँ उस अग्नि को उद्बुद्ध करती हूँ जो...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago

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3 conditions of yoga auroville bases of yoga Mirra Alfassa Priti Das Gupta Sri Aurobindo Ashram sri aurobindo The Mother The Mother of Sri Aurobindo Ashram Pondicherry The Mother on Sports अध्यात्मिकता आंरोंविल आश्वासन कृपा निद्रा और स्वप्न पूर्ण योग प्रीति दास गुप्ता भागवत उपस्थिती भारत के लिये संदेश माताजी की झाकियां माताजी के वचन भाग-१ माताजी के वचन भाग-२ माताजी के वचन भाग - ३ माताजी के विषय में मातृवाणी योग योग समन्वय यौवन वयवहारिक ज्ञान साधकों के लिये विचार और सूत्र के प्रसंग में विश्वास व्यावहारिक ज्ञान साधकों के लिये शिक्षा के ऊपर श्रद्धा श्री अरविंद श्रीअरविंद श्रीअरविंद के वचन श्री अरविद श्री माँ श्री माँ अपने बारे में श्री माँ के बारें में श्री माँ के बारे में श्री माँ के संस्मरण श्री माँ शरीर के बारें में साधना साधना के संकेत श्री माँ द्वारा
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    भगवती माँ की कृपा

    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

    श्रीमाँ का कार्य

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    भगवान की आशा

    भगवान की आशा

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    जीवन का उद्देश्य

    जीवन का उद्देश्य

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

    कृतज्ञता

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    अनुशासन

    अनुशासन

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    भागवत मुस्कान का ध्यान

    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

    मनोबल

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    तुम्हारा चुनाव

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    खिन्नता

    खिन्नता

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    मेरी इच्छा

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    ज्ञान

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    मानसिक रूपायण

    मानसिक रूपायण

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    नयी चीज़ का डर

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    युवकों को आह्वान

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    प्रत्येक का अपना तरीका

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