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  2. प्रश्न और उत्तर १९५६

प्रश्न और उत्तर १९५६

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चैत्य अग्नि
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चैत्य अग्नि

by श्री माँ 1 महीना ago1 महीना ago
भागवत कृपा
630

भागवत कृपा

by श्री माँ 2 महीना ago2 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    लीक-लीक चलने का भला क्या फायदा!

    यदि सर्वत्र एक जैसी ही चीजें की जाती हैं, हमें उन्हें दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है, हम दूसरों की अपेक्षा अधिक अच्छे रूप में...

    श्री माँ
    by श्री माँ 1 वर्ष ago1 वर्ष ago
  • 300
    श्रीअरविंद और श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    अपनी निश्चिति

    हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, संभाले रखना चाहिये और किसी भी कीमत पर, लक्ष्य...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 860
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    कुछ भी असंभव नहीं

    … यदि तुम एक सामान्य व्यक्ति हो हो और यदि तुम कष्ट उठाओ और पद्धति से परिचित होओ तो, तुम्हारा विकास लगभग असीम होता है...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 170
    श्री माँ के वचन

    निश्चिति

    हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, सम्भाले रखना चाहिये और किसी भी कीमत पर, लक्ष्य...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    छेदवाला सिक्का – श्रीमाँ की कहानी

    पुराने जमाने में कुछ लोग सोचते थे कि एक कटे किनारों वाला सिक्का… वह ऐसा जमाना था जब सिक्कों में छेद नहीं किये जाते थे…...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीमाँ का चित्र
    श्री माँ के वचन

    पूर्ण सच्चाई

    पूर्णतः सच्चा होनेके लिये यह आवश्यक है कि कोई पसंदगी, कोई कामना, कोई आकर्षण, कोई नापसंदगी, कोई सहानुभूति या विद्वेष, कोई आसक्ति, कोई विकर्षण न...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    आध्यात्मिक जीवन का आरंभ

    मां, हमारा सच्चा आध्यात्मिक जीवन कहां से आरम्भ होता है? सच्चा आध्यात्मिक जीवन तब आरम्भ होता है जब मनुष्य को अपने चैत्य पुरुष के अन्दर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भगवान पे भरोसा रखो

    यदि तुम भगवान् की मुड़ो और उन पर पूरा भरोसा रखो और उनसे मांगो, तो तुम उस चीज को पा लोगे जिसकी तुम्हें आवश्यकता है...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    भय

    भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष परिणाम होती हैं जो पृथ्वी...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    नैतिकता

    प्यारी मां, क्या नैतिकता ने हमें अपनी चेतना को बढ़ाने में सहायता नहीं पहुंचायी है?   यह निर्भर करता है लोगों पर। ऐसे लोग होते हैं...

    श्री माँ
    by श्री माँ 6 वर्ष ago6 वर्ष ago

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    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

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    जीवन का उद्देश्य

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

    अनुशासन

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    भागवत मुस्कान का ध्यान

    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

    मनोबल

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    तुम्हारा चुनाव

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    खिन्नता

    खिन्नता

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    मानसिक रूपायण

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    नयी चीज़ का डर

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    युवकों को आह्वान

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    प्रत्येक का अपना तरीका

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