
लीक-लीक चलने का भला क्या फायदा!
यदि सर्वत्र एक जैसी ही चीजें की जाती हैं, हमें उन्हें दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है, हम दूसरों की अपेक्षा अधिक अच्छे रूप में...
यदि सर्वत्र एक जैसी ही चीजें की जाती हैं, हमें उन्हें दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है, हम दूसरों की अपेक्षा अधिक अच्छे रूप में...
हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, संभाले रखना चाहिये और किसी भी कीमत पर, लक्ष्य...
… यदि तुम एक सामान्य व्यक्ति हो हो और यदि तुम कष्ट उठाओ और पद्धति से परिचित होओ तो, तुम्हारा विकास लगभग असीम होता है...
हर एक को अपनी निश्चिति अपने ही अन्दर खोजनी चाहिये, सब चीजों के बावजूद इसे बनाये, सम्भाले रखना चाहिये और किसी भी कीमत पर, लक्ष्य...
पुराने जमाने में कुछ लोग सोचते थे कि एक कटे किनारों वाला सिक्का… वह ऐसा जमाना था जब सिक्कों में छेद नहीं किये जाते थे…...
पूर्णतः सच्चा होनेके लिये यह आवश्यक है कि कोई पसंदगी, कोई कामना, कोई आकर्षण, कोई नापसंदगी, कोई सहानुभूति या विद्वेष, कोई आसक्ति, कोई विकर्षण न...
मां, हमारा सच्चा आध्यात्मिक जीवन कहां से आरम्भ होता है? सच्चा आध्यात्मिक जीवन तब आरम्भ होता है जब मनुष्य को अपने चैत्य पुरुष के अन्दर...
यदि तुम भगवान् की मुड़ो और उन पर पूरा भरोसा रखो और उनसे मांगो, तो तुम उस चीज को पा लोगे जिसकी तुम्हें आवश्यकता है...
भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष परिणाम होती हैं जो पृथ्वी...
प्यारी मां, क्या नैतिकता ने हमें अपनी चेतना को बढ़ाने में सहायता नहीं पहुंचायी है? यह निर्भर करता है लोगों पर। ऐसे लोग होते हैं...