
चेतना को विस्तृत कैसे करें ?
… जब तुम्हें लगे कि तुम पूरी तरह किसी सँकरे, सीमित विचार, इच्छा और चेतना में बंद हो, जब तुम्हें ऐसा लगे कि तुम किसी...
… जब तुम्हें लगे कि तुम पूरी तरह किसी सँकरे, सीमित विचार, इच्छा और चेतना में बंद हो, जब तुम्हें ऐसा लगे कि तुम किसी...
पापी की सहायता के लिए ‘कृपा’ कैसे आ सकती है भला? वह पापी को पापी बने रहने में सहायता नहीं करती! वह उसके पाप से...
मधुर मां, “भागवत विरक्ति” क्या है? ओह, मेरे बच्चे! (मौन) यह ऐसी विरक्ति है जो असीम करुणा से भरपूर है। यह ऐसी चीज़ है जो...