प्रश्न और उत्तर १९२९ -१९३१

सम्मिलित एकाग्रता

उचित रूप में की गयी सम्मिलित एकाग्रता एक महान शक्ति हो सकती है। एक प्राचीन कहावत है कि यदि एक…

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श्रद्धा की तीव्रता

तुम्हारी श्रद्धा की तीव्रता का यह अर्थ हो सकता है कि भगवान ने यह पहले से ही निधारित कर रखा…

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सम्मिलित एकाग्रता

उचित रूप में की गयी सम्मिलित एकाग्रता एक महान शक्ति हो सकती है। एक प्राचीन कहावत है कि यदि एक…

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बीमारी का सही कारण

तुम्हारी आन्तरिक अवस्था रोग का कारण तब बनती है जब उसमें कोई प्रतिरोध या विद्रोह हो अथवा जब तुम्हारे अन्दर…

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कर्म में समर्पण और चेतना

हमेशा भगवान की उपस्थिति में ही निवास करो; इस अनुभूति में रहो कि यह उपस्थिति ही तम्हारी प्रत्येक क्रिया को…

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मुर्गी के छोटे बच्चें

कोई आसक्ति न हो, कोई कामना न हो, कोई आवेग न हो, कोई पसन्द न हो; पूर्ण समता हो, अचल…

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हमारे बीच भागवत उपस्थिति

भगवान को अभिव्यक्त करने वाली किसी भी चीज को मान्यता देने में लोग इतने अनिच्छुक होते हैं कि वे हमेशा…

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खिन्नता

सभी खिन्नता और विषाद को विरोधी शक्तियाँ ही पैदा करती हैं, उन्हें तुम्हारें ऊपर उदासी फेंक कर जितनी खुशी होती…

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श्रद्धा से भरी हंसी

आत्मविश्वास से और भगवान पर श्रद्धा से भरी हंसी दुश्मन को सबसे अधिक तहस-नहस कर देने वाली शक्ति है -…

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भगवान को भूलना

जब हम मानसिक प्रवुत्तियों में अथवा बुद्धि के व्यापारों में एकाग्र रहते हैं, तब कभी-कभी भगवान को क्यों भूल जाते…

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