
मन और प्राण की प्रगति
अगर मन, प्राण और शरीर का पुनर्जन्म नहीं होता, केवल चैत्य ही फिर से जन्म लेता है तो मन, प्राण की प्रगति का अगले जन्म...
अगर मन, प्राण और शरीर का पुनर्जन्म नहीं होता, केवल चैत्य ही फिर से जन्म लेता है तो मन, प्राण की प्रगति का अगले जन्म...
मधुर मां, हम यह कैसे जान सकते हैं कि हम व्यक्तिगत और सामुदायिक रूप में प्रगति कर रहे हैं या नहीं? हम प्रगति कर रहे...
… चैत्य अग्नि को कैसे प्रज्वलित किया जाये? अभीप्सा के द्वारा। प्रगति करने के संकल्प के द्वारा, पूर्णता-प्राप्ति की उत्कण्ठा के द्वारा। सबसे बढ़ कर,...
जब तक तुम अपने-आपको रूपांतरित करने और रूपांतरित न करने की इच्छा के बीच डुलते रहो – प्रगति के लिए प्रयास करने और क्लान्ती द्वारा...
. . . एक ऐसा बुढ़ापा भी है जो वर्षों के संग्रह से भी कहीं अधिक ख़तरनाक और कहीं अधिक वास्तविक है : वह है...
मधुर मां, हम यह कैसे जान सकते हैं कि हम व्यक्तिगत और सामुदायिक रूप में प्रगति कर रहे हैं या नहीं? हम प्रगति कर रहे...
जब कोई भूल हो तो उसका हमेशा प्रगति करने के लिए उपयोग करना चाहिये, एक बार आवश्यक परिवर्तन हो जाये तो भूल और उसके कारण...
(महाकाली के कार्य के बारें मे माताजी का वक्तव्य) समस्त विनाश के पीछे, चाहे वे प्रकृति के भूकंप, ज्वालामुखी, तूफान, बाढ़ आदि विकट, असीम विनाश...
हम उन देव मुहूर्तों में से एक में है जब पुराने आधार डगमगा जाते हैं और बड़ी अव्यवस्था रहती हैं; लेकिन जो लोग आगे छलाँग...
प्रगति धीमी हो सकती है, पतन बार-बार हो सकते हैं, परंतु यदि साहसपूर्ण संकल्प बनाये रखा जाये, तो यह निश्चित है कि हम एक दिन...