योग के विषय में ग़लत धारणाएँ – १
योग का लक्ष्य श्रीअरविन्द या श्रीमाताजीके ‘जैसा’ बनना नहीं है। जो लोग इस विचार का पोषण करते हैं बड़ी आसानी से आगे के इस विचार...
योग का लक्ष्य श्रीअरविन्द या श्रीमाताजीके ‘जैसा’ बनना नहीं है। जो लोग इस विचार का पोषण करते हैं बड़ी आसानी से आगे के इस विचार...
यह योग सत्ता के रूपांतरण का योग है, न कि मात्र आंतरिक सत्ता या भगवान की उपलब्धि का, यद्यपि इसके आधार में वह उपलब्धि ही...
साधक का अंतिम लक्ष्य क्या होना चाहिये? क्या योगी बनना नहीं होना चाहिये ? भगवान के साथ पूर्ण रूप से संयुक्त रहना अंतिम लक्ष्य है...