भागवत कृपा में विश्वास
जीवन की सभी परिस्थितियों की व्यवस्था हमें यह सिखाने के लिए की गयी है कि मन से परे, भागवत कृपा में विश्वास ही हमें सभी...
जीवन की सभी परिस्थितियों की व्यवस्था हमें यह सिखाने के लिए की गयी है कि मन से परे, भागवत कृपा में विश्वास ही हमें सभी...
श्रद्धा, भगवान् के ऊपर निर्भरता, भागवत शक्ति के प्रति आत्म-समर्पण और आत्मदान-ये सब आवश्यक और अनिवार्य हैं। परन्तु भगवान् के ऊपर निर्भर रहने के बहाने...
‘ख’ ने मुझसे कहा है कि आपके पास मेरे विरुद्ध यह शिकायत आयी है कि मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता हूं । ...
सत्य ‘शक्ति’ हमेशा अचंचल होती है । दुर्बलता और अपूर्णता के निश्चित लक्षण हैं – बेचैनी, उत्तेजना तथा अधीरता। तुम्हें बाहरी परिस्थितियों में अचंचलता की...
आमतौर पर यह माना जाता है कि शिक्षा की प्रक्रिया में हल्की, मनोरञ्जक बल्कि तुच्छ कृतियों को भी स्थान मिलना चाहिए ताकि प्रयास का दबाव...
सभी जगह मनुष्यों और उनका स्वभाव एक ही होता है। लेकिन मैं उनके दोषों और दुर्बलताओं को नहीं देखती, मैं केवल सम्भावनाओं पर ध्यान देती...
भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष परिणाम होती हैं जो पृथ्वी...