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चेतना

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संकरे विचार से छुटकारा
190

संकरे विचार से छुटकारा

by श्री माँ 1 महीना ago1 महीना ago
आध्यात्मिकता प्राप्त करने का अवसर
200

आध्यात्मिकता प्राप्त करने का अवसर

by श्रीअरविंद 1 महीना ago1 महीना ago
  • 990
    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    जब मनुष्य अपने-आपको जान लेगा

    …. मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई है, यह एक ऐसे बीहड़ वन के समान गहन और...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 महीना ago2 महीना ago
  • 570
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    क्या होगा

    एक परम चेतना है जो अभिव्यक्ति पर शासन करती हैं। निश्चय ही उसकी बुद्धि हमारी बुद्धि से बहुत महान है। इसलिए हमें यह चिंता नहीं...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 महीना ago3 महीना ago
  • 330
    श्रीमाँ का चित्र
    श्री माँ के वचन

    श्रीमां जो लाना चाहती हैं

    मैं भौतिक जगत् में, धरती पर क्या लाना चाहती हूं : १. पूर्ण ‘चेतना’। २. पूर्ण ‘ज्ञान’, सर्वज्ञता। ३. अजेय शक्ति, अप्रतिरोध्य और अपरिहार्य सर्वशक्तिमत्ता।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 4 महीना ago4 महीना ago
  • 620
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ दुर्गा पुजा के दौरान
    श्री माँ के वचन

    आर्थिक स्थिति

    क्या चेतना के सुधार से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुस्थिर हो जाती है? यदि “चेतना के सुधार” का मतलब है बढ़ी हुई, विशालतर चेतना, उसकी...

    श्री माँ
    by श्री माँ 4 महीना ago4 महीना ago
  • 400
    महर्षि श्रीअरविंद अपने कक्ष में
    श्रीअरविंद के वचन

    अहंकार का त्याग

    बाह्य कर्मों में अहंकार प्रायः छिपा रहता है और बिना पते लगे स्वयं को संतुष्ट करता रहता है – लेकिन, जब साधना का दबाव पड़ता...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 5 महीना ago5 महीना ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    पूर्णयोग का अर्थ

    पूर्णयोग का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति इस भौतिक जगत् को सदा के लिए इसके भाग्य पर छोड़ कर इससे भाग खड़ा हो, न...

    श्री माँ
    by श्री माँ 8 महीना ago8 महीना ago
  • 670
    श्रीअरविंद के पत्र
    श्रीअरविंद के वचन

    गुरु में विश्वास

    आध्यात्मिक पथ-प्रदर्शक से पूरी तरह लाभ उठाने के लिए शिष्य को तीन शर्तों  को निभाना होता है। पहली: उसे किसी भी विरोधी या किसी भी...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 8 महीना ago8 महीना ago
  • 390
    महर्षि श्रीअरविंद अपने कक्ष में
    श्रीअरविंद के वचन

    आधे घंटे का ध्यान

    दिन में आधे घंटे का ध्यान संभव होना चाहिये – यदि चेतना में केवल एकाग्रता की आदत डालनी हो, जो पहले तो कार्य करते समय...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 9 महीना ago9 महीना ago
  • 910
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    चेतना का परिवर्तन

    मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या होता है ? सामान्य अज्ञानभरी मानव चेतना से निकल कर...

    श्री माँ
    by श्री माँ 10 महीना ago10 महीना ago
  • 480
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    सन्यासी होना

    सन्यासी होना अनिवार्य नहीं है – यदि कोई ऊपरी चेतना में रहने के बजाय आन्तरिक चेतना में रहना सीख जाये, अपनी अन्तरात्मा या सच्चे व्यक्तित्व...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 11 महीना ago11 महीना ago

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3 conditions of yoga auroville bases of yoga Mirra Alfassa Priti Das Gupta Sri Aurobindo Ashram sri aurobindo The Mother The Mother of Sri Aurobindo Ashram Pondicherry The Mother on Sports अध्यात्मिकता आंरोंविल आश्वासन कृपा निद्रा और स्वप्न पूर्ण योग प्रीति दास गुप्ता भागवत उपस्थिती भारत के लिये संदेश माताजी की झाकियां माताजी के वचन भाग-१ माताजी के वचन भाग-२ माताजी के वचन भाग - ३ माताजी के विषय में मातृवाणी योग योग समन्वय यौवन वयवहारिक ज्ञान साधकों के लिये विचार और सूत्र के प्रसंग में विश्वास व्यावहारिक ज्ञान साधकों के लिये शिक्षा के ऊपर श्रद्धा श्री अरविंद श्रीअरविंद श्रीअरविंद के वचन श्री अरविद श्री माँ श्री माँ अपने बारे में श्री माँ के बारें में श्री माँ के बारे में श्री माँ के संस्मरण श्री माँ शरीर के बारें में साधना साधना के संकेत श्री माँ द्वारा
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    भगवती माँ की कृपा

    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

    श्रीमाँ का कार्य

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    भगवान की आशा

    भगवान की आशा

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    जीवन का उद्देश्य

    जीवन का उद्देश्य

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

    कृतज्ञता

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    अनुशासन

    अनुशासन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भागवत मुस्कान का ध्यान

    भागवत मुस्कान का ध्यान

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    मनोबल

    मनोबल

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    तुम्हारा चुनाव

    तुम्हारा चुनाव

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    खिन्नता

    खिन्नता

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    मेरी इच्छा

    मेरी इच्छा

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    ज्ञान

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    मानसिक रूपायण

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    नयी चीज़ का डर

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    युवकों को आह्वान

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    प्रत्येक का अपना तरीका

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