
क्रोध
क्रोध में कभी कोई समझदारी की बात नहीं की जाती, सिर्फ मूर्खता ही निकलती है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)
क्रोध में कभी कोई समझदारी की बात नहीं की जाती, सिर्फ मूर्खता ही निकलती है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)
आपने कहा है कि गलत गति का दमन करने से वह बस दब जाती है, यदि उसे पूरी तरह निकालना हो तो उसे एकदम त्यागना...
आपने कहा है कि गलत गति का दमन करने से वह बस दब जाती है, यदि उसे पूरी तरह निकालना हो तो उसे एकदम त्यागना...
श्री पृथ्वीसिंह नाहर की पुत्रवधू राजसेना अपने तीन नन्हें-मुन्नों को लेकर आश्रम में रहती थीं। एक दिन उसकी तीन वर्षीया पुत्री लूसी अपनी सहेली गौरी...
लता जौहर बचपन में प्रखर स्वभाव की बालिका थी। लगभग ५० वर्ष पूर्व की बात है, एक दिन बालिका लता किसी बात पर कुपित हो...