कृतज्ञ होने का अर्थ है : इस अद्भुत भागवत कृपा को कभी न भूलना जो हर एक को–चाहे वह कैसा…
माँ, श्रीअरविन्द ने हमेशा कहा है कि आप, आप हमारे अन्दर विराजमान रहती है। हाँ, यह सच है, एकदम सही…
यह मैंने देख लिया है कि जो भगवान ने मुझे नहीं दिया है उसे उन्होने अपने प्रेम तथा ज्ञान के…
लोगो को कृपा की क्रिया का भान तक नहीं होता जब तक कोई खतरा न आ जाये, यानी, जब तक…
हे समस्त वरदानों के परम वितरक, तुझे, जो इस जीवन को शुद्ध, सुन्दर और शुभ बना कर उसे औचित्य प्रदान करता…
विजय आ गयी है, तेरी विजय, हे नाथ, जिसके लिए हम तुझे अनन्त धन्यवाद देते हैं। लेकिन अब हमारी तीव्र…
. . . बहुत कम लोग हैं, बहुत ही कम, उनकी संख्या न के बराबर है, जो सच्ची धार्मिक भावना…