कार्य के प्रति सही मनोदृष्टि

समस्त क्रिया कलापों का उत्सर्ग

मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें। इसका ठीक-ठीक अर्थ…

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प्रशंसा

जब तुम अपने-आपको किसी नि:स्वार्थ कार्य की परिपूर्णता के लिये सौंप देते हो तो कभी सामान्य लोगों से प्रशंसा या…

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इस सिद्धान्त का पालन करो

न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियां में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…

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शूरता

शूरता है सभी परिस्थितियों में परम सत्य के लिए डटे रह सकना, विरोध में भी उसकी घोषणा करना और जब…

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निर्णय लेने का सही तरीक़ा

निर्णय करने के लिए मैंने एक तरकीब खोज निकाली है । मैं मामले को स्थगित कर देता हूं और आन्तरिक…

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कार्य के प्रति सही मनोदृष्टि

जब माताजी के साथ चम्पकलाल ने काम करना आरम्भ किया था तब माताजी ने वार्तालाप के समय ये बातें कही…

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