आत्मसमर्पण

हमारी पहली आवश्यकता

हमारी पहली आवश्यकता श्रद्धा है; क्योंकि भगवान में, जगत में और सबसे महत्वपूर्ण यह कि भागवत परम सत्ता में श्रद्धा…

% दिन पहले

उपलब्धि का निश्चित मार्ग

अपने-आपको अपने-आपसे बड़े के हाथों में पूरी तरह दे देने से बढ़ कर पूर्ण और कोई आनंद नहीं है। 'भगवान',…

% दिन पहले

भगवान को पाना

मधुर माँ, सचमुच "भगवान को पाने" का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है अपने अन्दर या आध्यात्मिक शिखरों पर भगवान…

% दिन पहले

केवल सच्चाई

इस समर्पण-मार्ग को यदि तुम पूर्ण रूप से और सच्चाई के साथ अपना लो तो कोई गंभीर कठिनाई या कोई…

% दिन पहले

यहाँ रहना आसान नहीं है

बाहरी रंग-रूप से निर्णय न करो और लोग जो कहते हैं उस पर विश्वास न करो, क्योंकि ये दोनों चीज़ें…

% दिन पहले

आत्मसमर्पण

एक बच्चे की तरह बन जाना और अपने-आपको संपूर्णत: दे देना तब तक असंभव है, जब तक कि चैत्य पुरुष…

% दिन पहले

चैत्य पुरुष

यदि चैत्य पुरुष प्रकट हो तो वह तुमसे अपने प्रति नहीं, बल्कि माताजी के प्रति आत्मसमर्पण करने को कहेगा। संदर्भ…

% दिन पहले

अत्यावश्यक कर्तव्य

जीवन की कठिन घड़ियों में हर एक का अत्यावश्यक कर्तव्य है भगवान के प्रति समग्र, अप्रतिबंध आत्म निवेदन में अपने…

% दिन पहले

बिना थके काम करना

थके बिना काम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि (चाहे जो भी काम हो) उसे भगवान् के अर्पण…

% दिन पहले

कुछ न चाहो

अपने समस्त ह्रदय और समस्त शक्ति के साथ स्वयं को भगवान के हाथों में सौंप दो। कोई शर्त न रखो,…

% दिन पहले