दो संभावनाएँ होती हैं, एक है व्यक्तिगत प्रयास के द्वारा शुद्धिकरण, जो लंबा समय लेता है; दूसरा है भागवत कृपा…
भगवान के लिए सच्चा प्रेम है आत्मदान, यानी अपने-आपको पूर्ण रूप से दे देना । इस दान में कोई मांग…
भगवान के प्रति पूर्ण आत्म-दान के लिए तीन विशेष विधियाँ : (१) सारे गर्व को त्याग कर पूर्ण नम्रता के…