
अभ्यास
ज़रा-सा सच्चा निष्कपट और नियमित अभ्यास, बहुत से अल्पजीवी प्रणों से कहीं अधिक मूल्यवान है। संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड -१६)
ज़रा-सा सच्चा निष्कपट और नियमित अभ्यास, बहुत से अल्पजीवी प्रणों से कहीं अधिक मूल्यवान है। संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड -१६)