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श्रीअरविंद और श्रीमाँ का संसार

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अभीप्सा

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प्रगति का मापदण्ड
570

प्रगति का मापदण्ड

by श्री माँ 4 सप्ताह ago4 सप्ताह ago
ग्रहणशीलता
490

ग्रहणशीलता

by श्री माँ 1 महीना ago1 महीना ago
  • 410
    भगवान तुमहारें अन्दर है
    श्री माँ के वचन

    उपलब्धि का दरवाजा

    … जिस क्षण तुम यह कल्पना करते और किसी-न-किसी तरह अनुभव करते हो, या , प्रारम्भ में, इतना मान भी लेते हो कि भगवान् तुम्हारें...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 1150
    Sri Aurobindo in his roon
    श्रीअरविंद के वचन

    खोज की प्रमुख शक्ति

    जो कुछ मनुष्य सच्चाई के साथ और निरंतर भगवान् से चाहता है, उसे भगवान् अवश्य देते हैं। तब यदि तुम आनंद चाहो और लगातार चाहते...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 330
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ की कहानी
    श्री माँ के वचन

    मैं तेरा होना चाहता हूँ

    तुम्हारी चेतना की गहराइयों में तुम्हारे अंदर रहने वाले भगवान का मंदिर, तुम्हारा चैत्य पुरुष है। यही वह केंद्र है जिसके चारों ओर तुम्हारी सत्ता...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 1230
    Sri Aurobindo in his room
    श्रीअरविंद के वचन

    अभीप्सा का तात्पर्य

    अभीप्सा का तात्पर्य है, शक्तियों को पुकारना । जब शक्तियाँ प्रत्युत्तर दे देती हैं, तब शान्त-स्थिर ग्रहणशीलता की, एकाग्र पर स्वतःस्पर्श ग्रहणशीलता की एक स्वाभाविक...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    मैं तुम्हारे साथ हूं

    मैं तुम्हारे साथ हूं क्योंकि मैं तुम हूं या तुम में हो । मैं तुम्हारे साथ हूं , इसके बहुत सारे अर्थ होते हैं ,...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
  • 840
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    आंतरिक परिवर्तन

    तुम्हें आंतरिक परिवर्तन के लिए निरन्तर अभीप्सा करनी चाहिये,  तुम्हारें अंदर यह इच्छा होनी चाहिये कि प्रकाश तुम्हारे अंधेरे भौतिक मन में आये, और तुम्हें...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
  • 310
    श्रीअरविंद के पत्र
    श्रीअरविंद के वचन

    अधिक पाने के लिये अभीप्सा

    मनुष्य को जो कुछ उसे मिलता है उससे संतुष्ट रहना चाहिये फिर भी शांत- रूप से, बिना संघर्ष के, और अधिक पाने के लिये अभीप्सा करनी...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
  • 150
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    सचेतन अभीप्सा की अवस्था

    अगर तुम सचेतन अभीप्सा की अवस्था में हो, बहुत सच्चे हो तो बस, तुम्हारें इर्द-गिर्द सारी चीज़ें, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से, अभीप्सा में मदद...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
  • 260
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ की कहानी
    श्री माँ के वचन

    आत्मसमर्पण

    … बहुत कम लोग हैं, बहुत ही कम, उनकी संख्या न के बराबर है, जो सच्ची धार्मिक भावना के साथ गिरजाघर या मंदिर जाते हैं,...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
  • 60
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    तेरे ज्ञान की अभीप्सा

    हे प्रभु ! किस तीव्रता के साथ मेरी यह अभीप्सा तेरी ओर उठ रही है। तू अपने विधानका हमें पूरा ज्ञान दे, तेरी इच्छाका हमें...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago

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    भगवती माँ की कृपा

    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

    श्रीमाँ का कार्य

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    भगवान की आशा

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    जीवन का उद्देश्य

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    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

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    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

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    तुम्हारा चुनाव

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    खिन्नता

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    ज्ञान

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    मानसिक रूपायण

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    नयी चीज़ का डर

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    युवकों को आह्वान

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    प्रत्येक का अपना तरीका

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