जो होना चाहिये उसके आगे अब तक जो कुछ सोचा या प्राप्त किया गया है वह सामान्य, अति तुच्छ और…
मधुर माँ, आप अपने 'वार्तालाप' में कहती हैं कि हमें सच्ची आध्यात्मिक अनुभूति पाने के लिए डुबकी लगानी चाहिये। क्या…
तुम्हारे अन्दर जो चीज साधारण जीवन से आसक्त है और जो भागवत जीवन के लिए अभीप्सा करती है, उन दोनों के बीच…
मैं आपसे फिर से पूछता हूँ माँ, वह कौन-सी चीज़ है जो मेरी सत्ता को विभक्त करती है ? संघर्ष…
हे सर्वसत्तासंपन्न सामर्थ्य, हे विजयी शक्ति, शुद्धि, सौन्दर्य, परम प्रेम, वर दे कि अपनी पूर्णता में यह सत्ता , अपनी…
भगवान के लिए सच्चा प्रेम है आत्मदान, यानी अपने-आपको पूर्ण रूप से दे देना । इस दान में कोई मांग…
एक चीज़ के बारे में तुम निश्चित हो सकते हो - तुम्हारा भविष्य तुम्हारें ही हाथो में है। तुम वही…
अपनी सभी गतिविधियों में संकल्प के पूर्ण समर्पण के माध्यम से भागवत उपस्थिती तथा शक्ति के साथ अपनी आत्मा का…
वास्तव में भगवान वही हैं जिनकी गहराई में तुम अभीप्सा करते हो । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
भगवान हमेशा हर सच्ची अभीप्सा का उत्तर देते है और उन्हें पूरे हृदय के साथ जो कुछ दिया जाये उसे…