योग

अहंकार का त्याग

बाह्य कर्मों में अहंकार प्रायः छिपा रहता है और बिना पते लगे स्वयं को संतुष्ट करता रहता है - लेकिन,…

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दिव्य माँ के हाथों में बालक

योगी, सन्यासी, तपस्वी बनना यहाँ का उद्देश्य नहीं है। हमारा उद्देश्य है रूपांतर, और तुमसे अनन्तगुना बड़ी शक्ति के द्वारा…

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भय – एक अपवित्रता

भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष…

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गुफा की साधना

मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह…

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अभीप्सा के अनुसार

​भगवान् तुम्हारी अभीप्सा के अनुसार तुम्हारे साथ हैं । स्वभावत:, इसका यह अर्थ नहीं है कि वे तुम्हारी बाह्य प्रकृति…

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कला के विषय में

प्रत्येक कलाकार के अन्दर उसके प्राणिक-भौतिक भागों में सार्वजनिक व्यक्ति की कोई चीज़ होती है जो उसे श्रोता के प्रोत्साहन,…

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योग का अर्थ

योग का अर्थ संयुक्त होना है तथा योग का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव आत्मा की सर्वोच्च सत्ता के साथ तथा मानवता…

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चेतना का परिवर्तन

चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई में जाना समस्त योग का…

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वैराग्य का प्रशिक्षण

न कोई आनंद, न बल। पढ़ने-लिखने की इच्छा भी नहीं होती-मानो कोई मुर्दा आदमी चल - फिर रहा हो। आप…

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योग क्या है

भगवान के साथ सम्बंध स्थापित करना योग है, परम आनंद है तथा श्रेष्ठतम उपयोगिता है। मानवता की पहुँच के अंदर…

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