
योग क्या है
भगवान के साथ सम्बंध स्थापित करना योग है, परम आनंद है तथा श्रेष्ठतम उपयोगिता है। मानवता की पहुँच के अंदर हम लोगों ने भगवान के...
भगवान के साथ सम्बंध स्थापित करना योग है, परम आनंद है तथा श्रेष्ठतम उपयोगिता है। मानवता की पहुँच के अंदर हम लोगों ने भगवान के...
मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह प्रकट हो जाता है ।...
प्रत्येक कलाकार के अन्दर उसके प्राणिक-भौतिक भागों में सार्वजनिक व्यक्ति की कोई चीज़ होती है जो उसे श्रोता के प्रोत्साहन, सामाजिक प्रशंसा, गर्व की तृप्ति,...
योगी, सन्यासी, तपस्वी बनना यहाँ का उद्देश्य नहीं है। हमारा उद्देश्य है रूपांतर, और तुमसे अनन्तगुना बड़ी शक्ति के द्वारा ही यह रूपान्तर सम्पन्न किया...
भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष परिणाम होती हैं जो पृथ्वी...
योग का अर्थ संयुक्त होना है तथा योग का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव आत्मा की सर्वोच्च सत्ता के साथ तथा मानवता की वर्तमान प्रकृति की सनातन,...
चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई में जाना समस्त योग का लक्ष्य है । उसके साथ...
न कोई आनंद, न बल। पढ़ने-लिखने की इच्छा भी नहीं होती-मानो कोई मुर्दा आदमी चल – फिर रहा हो। आप समझ रहे हैं मेरी स्थिति...
हमेशा इस तरह रहो मानों तुम परात्पर प्रभु और भगवती माता की आंखों के एकदम नीचे हो । कोई ऐसा काम मत करो, कुछ भी ऐसा...
..मेरे और तुम्हारे बीच एक विशेष सम्बन्ध है, उन सबके साथ जो मेरी और श्रीअरविन्द की शिक्षा की ओर मुंडे हुए हैं, – और, यह...