
बाहरी जगत से अलग
अगर मैं अपने-आपको इस बाहरी जगत् से एकदम अलग कर सकूँ, अगर मैं बिलकुल अकेला रह सकूँ तो मैं इस अवसाद को पूरी तरह वश...
अगर मैं अपने-आपको इस बाहरी जगत् से एकदम अलग कर सकूँ, अगर मैं बिलकुल अकेला रह सकूँ तो मैं इस अवसाद को पूरी तरह वश...
मेरा सत्य वह है जो अज्ञान और मिथ्यात्व को अस्वीकार करता है और ज्ञान की ओर अग्रसर होता है, अंधकार को त्याग कर प्रकाश की...
… असल में, जब तक कोई भी सन्देह या हिचकिचाहट रहती है, जब तक तुम यह जानने के लिए अपने-आपसे प्रश्न करते हो कि शाश्वत आत्मा...
मेरे प्यारे बालक, जब कभी तुम्हें आध्यात्मिक सहायता की ज़रूरत हो मैं हमेशा तुम्हें वह सहायता देने को तैयार रहती हूँ चाहे वह किसी...
प्रत्येक साधक नैसर्गिक रूप से कुछ ऐसी चारित्रिकताएँ लिए होता है जो साधना पथ पर बड़ी बाधा उपस्थित करती है, ये जिद के साथ टिकी...
भगवान् के साथ जो तुम्हारा सम्बन्ध है उसमें तुम्हारा ध्यान इस बात पर नहीं होना चाहिये कि भगवान् तुम्हारी व्यक्तिगत कामनाओं को पूरा करें, ध्यान...
यदि मन सभी परिस्थितियों और सभी हालातों में शांत रहें तो धैर्य अधिक आसानी से बढ़ेगा। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
केवल भारत की आत्मा ही इस देश को एक कर सकती है । बाह्य रूप मे भारत के प्रदेश स्वभाव, प्रवृत्ति, संस्कृति और भाषा, सभी...
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में प्रगति कर रहे हो . . . संदर्भ : गीता...
“आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?” इसे मैंने बहुत बार बतलाया है, परन्तु यह उसे दोहराने का...