
देशभक्ति की भावना तथा योग
देशभक्ति की भावनाएँ हमारे योग की विरोधी बिलकुल नहीं है, बल्कि अपनी मातृभूमि की शक्ति तथा अखण्डता के लिए संकल्प करना एकदम न्यायसंगत भावना है।...
देशभक्ति की भावनाएँ हमारे योग की विरोधी बिलकुल नहीं है, बल्कि अपनी मातृभूमि की शक्ति तथा अखण्डता के लिए संकल्प करना एकदम न्यायसंगत भावना है।...
जो लोग नव युग में मानवता के भविष्य की सबसे अधिक सहायता करेंगे वे वही होंगे जो आध्यात्मिक विकास को ही नियति और मानवजाति की...
जो श्रद्धा वैश्व भगवान के प्रति जाती है वह लीला की आवश्यकताओं के कारण अपनी क्रियाशक्ति में सीमित रहती है। इन सीमाओं से पूरी तरह...
. . . तुम्हें कभी हताश नहीं होना चाहिये । या अगर तुम बहुत बार भूल कर चुके हो तो भी तुम्हें कभी भूल न...
जो कुछ दूसरे कर चुके हैं उसी को दोहराने के लिए हम यहां नहीं हैं। हम यहां एक नयी अभिव्यक्ति, एक नयी चेतना, एक नये...
हर दुर्भावनापूर्ण शब्द, हर मिथ्यापवाद चेतना की अधोगति है। और जब यह मिथ्यापवाद भद्दी भाषा और गंवारू शब्दों में प्रकट किया जाता है तो यह आत्मघात...
मधुर माँ, आप हमारी तरह क्यों नहीं आयीं? आप सचमुच जैसी है उस तरह क्यों नहीं आयीं? क्योंकि अगर मैं तुम्हारी तरह न आती, तो...
भौतिक चेतना के साथ सम्बंध रखने वाली किसी भी चीज़ के लिए लोभ, तथाकथित आवश्यकताओं और किसी भी प्रकार के आराम के लिए लोभ –...
केवल अपने लिए अतिमानस को प्राप्त करना मेरा अभिप्राय बिलकुल नहीं है-मैं अपने लिए कुछ भी नहीं कर रहा; क्योंकि मुझे अपने लिए किसी चीज...
यह बिलकुल सच है कि “हमारे साधना-मार्ग में बलपूर्वक दबाने की यानी निग्रह की मनोवृत्ति नहीं है”; मानसिक विधान या सिद्धान्त के अनुसार असहमत प्राणिक...