पूर्ण समता
जिन घटनाओं की हम प्रतीक्षा नहीं करते, जिनकी हम आशा या इच्छा नहीं करते, जो हमारी इच्छाओं के विरुद्ध होती है उन्हें ही हम अज्ञानवश...
जिन घटनाओं की हम प्रतीक्षा नहीं करते, जिनकी हम आशा या इच्छा नहीं करते, जो हमारी इच्छाओं के विरुद्ध होती है उन्हें ही हम अज्ञानवश...
तुम जिन भौतिक चीजों का उपयोग करते हो उनको ठीक से सम्भाल कर न रखना निश्चेतना और अज्ञान का चिह्न है । अगर तुम भौतिक चीज...
मेरी प्यारी माँ, काश ! मैं अपनी अज्ञानी सत्ता को यह विश्वास दिला पाता कि तुम्हें अपने हृदय के केंद्र में पाना संभव है ।...
तुम्हारा अवलोकन बहुत कच्चा है। ”अन्दर से” आने वाले सुझावों और आवाजों के लिए कोई नियम नहीं बनाया जा सकता । तुम्हारे ”अन्दर” का मतलब...
क्षण- भर के लिए भी यह विश्वास करने में न हिचकिचाओ कि श्रीअरविन्द नें परिवर्तन के जिस महान् कार्य के लिए बीड़ा उठाया है उसकी...
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को बनाये रख कर हम अपनें स्वभाव को परिवर्तित कर लेते...
भारत को, विशेष रूप से अभी इस क्षण, जिसकी ज़रूरत है वह है आक्रामक सदगुण, ऊँचे आदर्शवाद की भावना, साहसपूर्ण सृजनशीलता, निर्भीक प्रतिरोध, हिम्मत के...
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है जब वह भगवान की ओर अभिमुख हो। जब तक वह...
माताजी और मैं दो रूपों में एक ही ‘शक्ति’ का प्रतिनिधित्व करते हैं – अतः स्वप्न में देखा हुआ तुम्हारा अंतरदर्शन पूरी तरह से तर्कसंगत...
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की कड़ी का काम दे सकते हैं, ऐसे पत्थर हैं। जो...