ध्यान में बैठने का तरीका
जब तुम ध्यान में बैठो तो तुम्हें बालक की तरह निष्कपट और सरल होना चाहिये। तुम्हारा बाह्य मन बाधा न दे, तुम किसी चीज की...
जब तुम ध्यान में बैठो तो तुम्हें बालक की तरह निष्कपट और सरल होना चाहिये। तुम्हारा बाह्य मन बाधा न दे, तुम किसी चीज की...
सच पूछो तो तुम अपने मन से भगवान् और उनके कार्य को समझने की आशा नहीं कर सकते, बल्कि अपने अंदर एक सच्ची और दिव्य...
प्राण एक अच्छा यंत्र है पर बुरा मालिक है। यदि तुम इसे इसकी रुचि और अरुचि, इसकी मौजों, इसकी कामनाओं, इसके बुरे अभ्यासों का अनुसरण...
यौवन इस बात पर निर्भर नहीं है कि हम कितने छोटे हैं, बल्कि इस पर कि हम में विकसित होने की क्षमता और प्रगति करने...
हे प्रभु ! किस तीव्रता के साथ मेरी यह अभीप्सा तेरी ओर उठ रही है। तू अपने विधानका हमें पूरा ज्ञान दे, तेरी इच्छाका हमें...
श्रीअरविंद के योग के साधक को भूतकाल और वर्तमान में पूजे जाने वाले भगवान के विभिन्न रूपों के पुजारियों के प्रति कैसी वृत्ति रखनी चाहिये...
विजय आ गयी है, तेरी विजय, हे नाथ, जिसके लिए हम तुझे अनन्त धन्यवाद देते हैं। लेकिन अब हमारी तीव्र प्रार्थना तेरी ओर उठती है।...
तुम्हें हमेशा यह श्रद्धा रखनी चाहिये कि निम्न प्रकृति उभरने की चाहे जितनी कोशिश करे, चाहे जितने विरोधी प्रहार हों, विजय तुम्हारी ही होगी और...
केवल ‘भागवत इच्छा’ पर निर्भर रहने का और उसे अपने द्वारा मुक्त रूप से काम करने देने का समय आ गया है। मैं दोहराती हूं,...
वह सब जो जनता को खुश करने के लिए और सफलता पाने के लिए किया जाता है ओछा होता है और मिथ्यात्व की ओर ले...