
पूर्णता
पूर्णता कोई निष्क्रिय स्थिति नहीं होती, यह एक प्रकार की संतुलन की अवस्था होती है; पर होता है वह एक प्रगतिशील, सक्रिय संतुलन। संदर्भ :...
पूर्णता कोई निष्क्रिय स्थिति नहीं होती, यह एक प्रकार की संतुलन की अवस्था होती है; पर होता है वह एक प्रगतिशील, सक्रिय संतुलन। संदर्भ :...
अधिकतर मनुष्य — केवल अशिक्षित ही नहीं बल्कि पढ़े-लिखे भी —अपने सिरमें बहुत ही विरोधी, बहुत ही प्रतिकूल विचार लिये रहते हैं और उन्हें इन...
अहंकार नाराज़ और बेचैन हो उठता है और यही अहंकार तुम्हारी चेतना को धुँधला बनाता और तुम्हारी प्रगति में बाधा डालता है। अहंकार इसलिए नहीं...
आध्यात्मिक भाव धार्मिक पूजाभाव, भक्ति और उत्सर्ग का विरोधी नहीं है। धर्म में ग़लती यह है कि मन एक ही सिद्धांत को ऐकान्तिक रूप से...
सच्ची सच्चाई है राह पर आगे बढ़ते जाना, क्योंकि तुम उसके अतिरिक्त कुछ कर ही नहीं सकते; अपने-आपको दिव्य जीवन के लिए समर्पित करना, क्योंकि...
काम में कठिनाइयाँ परिस्थितियों या बाहर की छोटी-मोटी घटनाओं से नहीं आती । वे आंतरिक वृत्ति की (विशेषकर प्राणिक वृत्ति की) किसी चीज़ से आती...
अगर मैं अपने-आपको इस बाहरी जगत् से एकदम अलग कर सकूँ, अगर मैं बिलकुल अकेला रह सकूँ तो मैं इस अवसाद को पूरी तरह वश...
… असल में, जब तक कोई भी सन्देह या हिचकिचाहट रहती है, जब तक तुम यह जानने के लिए अपने-आपसे प्रश्न करते हो कि शाश्वत आत्मा...
मेरे प्यारे बालक, जब कभी तुम्हें आध्यात्मिक सहायता की ज़रूरत हो मैं हमेशा तुम्हें वह सहायता देने को तैयार रहती हूँ चाहे वह किसी...
यदि मन सभी परिस्थितियों और सभी हालातों में शांत रहें तो धैर्य अधिक आसानी से बढ़ेगा। संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)