
भगवान् से प्रेम
अगर सचमुच तुम भगवान् से प्रेम करते हो तो इसे अचंचल और शान्त रहकर प्रमाणित करो । हर एक के जीवन में जो कुछ आता...
अगर सचमुच तुम भगवान् से प्रेम करते हो तो इसे अचंचल और शान्त रहकर प्रमाणित करो । हर एक के जीवन में जो कुछ आता...
जो भौतिक रूप से श्रीमाँ के पास नहीं हो सकते, वे उसके लिए अभीप्सा तो करें, लेकिन उसे पाने के लिए ज़मीन-आसमान एक करने की...
प्रेम के हे दिव्य स्वामी, हर सत्ता में तेरी उपस्थिति के कारण हर मनुष्य, यहां तक कि अत्यन्त क्रूर मनुष्य भी दया पा सकता है...
बहुत शांत रहो और बहुत धीरज रखो, कभी गुस्सा न करो; दूसरों का स्वामी बनने से पहले स्वयं अपने स्वामी बनो । संदर्भ : शिक्षा...
अनुभूति तार्किक मन से बहुत आगे तक जाती है । स्पष्ट है कि तार्किक मन को भगवान् तक पहुंचाना बहुत कठिन लगता है लेकिन सरल...
माताजी, मैं अपनी चीजें बार-बार क्यों खोता रहता हूं ? क्योंकि तुम चीजों को काफी हद तक अपनी चेतना में नहीं रखते। ...
तुम जो करते हो उसे बिना रुचि के करने से थकान आती है । तुम जो कुछ करो उसमें रुचि ले सकते हो बशर्ते कि...
थके बिना काम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि (चाहे जो भी काम हो) उसे भगवान् के अर्पण कर देना और स्वयं भगवान...
जब तुम अधीर हो उठो और अपने-आपसे कहो : “आह, मुझे यह करने में सफल होना चाहिये। लेकिन मैं यह करने में सफल क्यों नहीं...
तुम्हें चीजों को उसी तरह बढ़ने देना चाहिये जैसे प्रकृति में पौधे बढ़ते हैं। हम उनके समय से पहले उन पर बहुत कड़ाई या सीमा...